scriptकरौली के इस स्थान पर जाने को खतरे भरे सफर से गुजरते हैं वाहन | Going to this place in Karauli passes through a dangerous journey | Patrika News

करौली के इस स्थान पर जाने को खतरे भरे सफर से गुजरते हैं वाहन

locationकरौलीPublished: Jul 12, 2019 08:19:11 pm

Submitted by:

Dinesh sharma

करौली . गड्ढे रूपी छालों भरी राह के बीच दो दर्जन से अधिक विकट मोड़। ध्वस्त हो चुकी सुरक्षा दीवार। सड़क किनारे लगे पहाड़ी से गिरते पत्थर-मोरमों का ढेर और 400 से 500 फीट की गहरी खाई। इस सबके बीच असुरक्षित सफर करते यात्री।

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करौली के इस स्थान पर जाने को खतरे भरे सफर से गुजरते हैं वाहन

करौली . गड्ढे रूपी छालों भरी राह के बीच दो दर्जन से अधिक विकट मोड़। ध्वस्त हो चुकी सुरक्षा दीवार। सड़क किनारे लगे पहाड़ी से गिरते पत्थर-मोरमों का ढेर और 400 से 500 फीट की गहरी खाई। इस सबके बीच असुरक्षित सफर करते यात्री।
कुछ इस तरह के हालात हैं करणपुर की दुर्गम घाटी के, लेकिन यह हालात ना प्रशासन को नजर आते हैं और ना ही शासन को इससे कोई सरोकार है। विभागीय लचर व्यवस्थाओं को कोसने के अलावा आमजन के पास अन्य कोई चारा नहीं है।
विभाग प्रति वर्ष लीपापोती कर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर लेता है, लेकिन वर्षों से बदहाल पड़ी इस घाटी को सुरक्षित और राह को सुगम बनाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। नतीजतन इलाके के बाशिंदों सहित बड़ी संख्या में गुमानो माता के दर्शन करने पहुंचने वाले यात्री खतरे के बीच सफर करने को मजबूर हैं।
करीब पांच दशक पहले निर्मित हुई करणपुर घाटी में करीब एक दशक पहले सड़क का निर्माण कराया गया था। इलाके के बाशिंदे बताते हैं कि उसके बाद सड़क का दुबारा निर्माण नहीं हुआ। विभाग ने कभी कभी पैबंद लगाकर इस पर मरहम जरूर लगाई है। नतीजतन वर्तमान में करीब दो किलोमीटर की यह घाटी जर्जरहाल है।
घाटी की शुरूआत से लेकर नीचे तक करीब दो दर्जन से अधिक विकट मोड़ हैं और नीचे करीब 400 से 500 फीट की गहरी खाई है। जरा सी चूक से जान पर बन आती है। प्रतिदिन इस इलाके के सैंकड़ों लोगों का कैलादेवी, करौली आना-जाना रहता है। लेकिन सड़क के हालात बदतर है। जगह जगह गड्ढे हैं। अधिकांश सुरक्षा दीवार ध्वस्त हो चुकी है।
नतीजतन मार्ग पर यात्री वाहनों का आवागमन भी कम होता है, जिससे इलाके के बाशिंदों को परिवहन साधनों की समस्या भी झेलना मजबूरी है। लोगों का कहना है कि यदि घाटी सहित कैलादेवी से करणपुर तक की सड़क का निर्माण हो जाए तो वाहनों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो सकेगी।
कस्बे के निवासी सूरज गौड़, घनश्याम गौड़ आदि बताते हैं कि घाटी में जर्जर सड़क के चलते पूर्व में हादसे भी हो चुके हैं, लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा। इससे समस्या झेलनी पड़ रही है।
गुमानो माता का है दरबार
कस्बे में करणपुर गुमानो वाली माता का प्रसिद्ध मंदिर है, जो चुम्बकीय शक्ति के नाम से विख्यात है, जहां दर्शनों के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन खतरे भरी घाटी को सहजता से पार करना मुश्किलभरा होता है। गुमानो माता के दर्शनों के लिए ना केवल जिले के बल्कि देश के दूरदराज शहरों से भी यात्री यहां पहुंचते हैं, लेकिन घाटी के हालातों को देख वे भी सहम जाते हैं।
खानापूर्ति का नूमना
बारिश के दिनों में घाटी में पहाड़ी से पत्थर-मोरम गिरकर सड़क तक जा जाते हैं। इससे कई बार रास्ता अवरुद्ध भी हुआ है। वहीं घाटी से निकलने वाले वाहनों को खतरा भी रहता है। सड़क से पत्थर-मोरम हटाने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग ने एक कार्मिक लगाया हुआ है, जिसके द्वारा पहाड़ी से सड़क पर आने वाले पत्थर को हटाया जाता है।
कैलादेवी-करणपुर राह में भी छाले
ऐसा नहीं कि केवल घाटी के ही हाल खराब है, बल्कि आस्थाधाम कैलादेवी से लेकर करणपुर तक की करीब 35 किलोमीटर की राह में असंख्य गड्डे हैं। कई जगह से टूट चुकी इस सड़क के निर्माण की भी क्षेत्र के बाशिंदे लम्बे समय से मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह पुकार अनसुनी ही हो रही है।

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