सर्वाधिक आय अर्जित कर प्रदेश में अव्वल रहने वाला हिण्डौनसिटी रोडवेज आगार का संचालन कमजोर है
हिण्डौनसिटी. सर्वाधिक आय अर्जित कर प्रदेश में अव्वल रहने वाला हिण्डौनसिटी रोडवेज आगार का संचालन कमजोर है। यह आगार सुविधा व संसाधनों के लिए मोहताज है। कर्मचारियों की कमी और बसों की संख्या कम होने से कई रूटों पर संचालन प्रभावित हो रहा है। डिपो कार्यशाला में पाट्र्सों की कमी के चलते बसों को मरम्मत के लिए कई दिन तक इंतजार करना पड़ता है।
सूत्रों के अनुसार सर्वाधिक आय अर्जित करने के मामले में हिण्डौनसिटी आगार प्रदेश के 50 आगार में विगत दो वर्ष से
प्रथम पायदान पर है। वर्ष 2014-15 में आगार की आय 2347.79 लाख रुपए थी। जो 2015-16 में बढ़कर 2485.61 लाख रुपए हो गई। यानि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष आगार ने 137.82 लाख रुपए अधिक कमाए।
चालक-परिचालकों की कमी
सूत्रों के अनुसार आगार में चालक के 127 पद स्वीकृत हैं। । इनमें से 20 पद लम्बे समय से रिक्त है। परिचालक के 151 पदों में से 103 कार्यरत हैं, जबकि 48 परिचालकों के पद रिक्त हैं। इसके बावजूद कई परिचालकों से चालक का कार्य लिया जा रहा है। वहीं आगार कार्यालय में स्वीकृत 41 लिपिकों में से महज 19 ही कार्यरत हंै। कार्यशाला में तो हालात और भी विकट हैं। सहायक अभियंता व तीन कनिष्ठ अभियंता वर्षों से नहीं है। तकनीकी सहायक व हैल्परों के स्वीकृत 77 पदों में से 42 ही कार्यरत है। इसके चलते 35 पद रिक्त हैं।
न स्टाफ न संसाधान
इसके बावजूद आगार में चालक, परिचालक, लिपिक तथा कार्यशाला में अभियंता व तकनीकी सहायकों की कमी लम्बे समय से बनी हुई है। ऐसे में एक-एक लिपिक पर तीन-तीन शाखाओं के कार्य का भार है। कार्यशाला में तो अभियंता व तकनीकी सहायकों की कमी बसों की मरम्मत पर भारी पड़ रही है। आगार परिसर में सड़क का तो नामोनिशान तक नहीं है। वर्षों पूर्व बनी सड़क के पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने से बारिश में आगार कीचड़ से अटा रहता है। विश्रामगृह नहीं होने से लम्बी दूरी तय कर आने वाले चालक-परिचालकों को बस में ही आराम करना मजबूरी होती है।
निदेशक को अवगत कराया
पिछले दिनों निगम के प्रबंध निदेशक को इस बारे में अवगत कराया गया है। रिक्त कर्मचारियों के पदस्थापन व संसाधनों मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। रमेशचन्द शर्मा, मुख्य प्रबंधक, रोड. आगार, हिण्डौनसिटी