सीताराम ने बताया कि वह रोजाना सात घंटे अनिवार्य रूप से पढ़ता है, घर के किसी कार्यक्रम में जाना भी पड़े तब भी पढ़ाई के लिए समय जरूर निकालता है, उसके पापा गरीब घर से है तथा जीप चालक है। लेकिन पापा ने पढ़ाई के लिए हमेशा हौंसला बढ़ाया है। परिवार में माता-पिता के अलावा दो भाई व एक बहन है।
इसी महाविद्यालय के दूसरे छात्र चन्द्रप्रकाश प्रजापत पुत्र रमेशलाल कुम्हार निवासी मासलपुर ने एमएससी प्रवेश परीक्षा में राजस्थान विश्वविद्यालय (आरयू) में प्रथम रेंक प्राप्त की है, उसने कोटा विश्वविद्यालय से भी इंट्रेंस दी, जिसमें आठवां स्थान मिला है।
चन्द्रप्रकाश की बीएससी में 76.09 प्रतिशत रही, उसने बताया कि सोशल मीडिया से लगभग दूरी है, अब परीक्षा का परिणाम आने के बाद जरूर फेसबुक चालू की है। लेकिन पढ़ाई के समय शत प्रतिशत इससे दूर रहता हैं। उसने बताया कि छह घंटे का नियमित अध्ययन ही उसकी सफलता का श्रेय है। उसकी कॉलेज लेक्चर बनने की इच्छा है।
राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य लक्ष्मीचंद मीना ने बताया कि दोनों ही छात्रों ने करौली कॉलेज का नाम कोटा व राजस्थान विश्वविद्यालय में रोशन किया है। उन्होंने बताया कि बीएससी अंतिम वर्ष की परिणाम की हॉर्डकॉपी प्राप्त नहीं हुई है। लेकिन एमएससी इंट्रेस में दोनों ही छात्रों ने अलग-अलग विश्वविद्यालय से टॉप कर करौली का मान बढ़ाया है तथा कॉलेज के लिए गर्व की बात है।