scriptहनुमानजी को पसंद है खुला माहौल : मंदिर की बजाय खुले में चबूतरे पर विराजित है प्रतिमा | Hanuman ji likes open atmosphere: Statue is adorned on open platform i | Patrika News

हनुमानजी को पसंद है खुला माहौल : मंदिर की बजाय खुले में चबूतरे पर विराजित है प्रतिमा

locationकरौलीPublished: Oct 25, 2020 09:57:30 am

Submitted by:

Anil dattatrey

Hanuman ji likes open atmosphere: Statue is adorned on open platform instead of templeप्रकृति पसंद होने से मंदिर की बजाय खुले में चबूतरे पर विराजित हैं महू के हनुमानजी . आस्था का केंद्र है महू का प्राचीन हनुमान मंदिर

हनुमानजी को पसंद है खुला माहौल : मंदिर की बजाय खुले में चबूतरे पर विराजित है प्रतिमा

हनुमानजी को पसंद है खुला माहौल : मंदिर की बजाय खुले में चबूतरे पर विराजित है प्रतिमा


हिण्डौनसिटी. महू कस्बे में स्थित वीर हनुमान का मंदिर क्षेत्र में जन आस्था का केंद्र है। मनौतियां पूरी होने श्रद्धालुओं में मंदिर की महिमा मनोरथ सिद्ध हनुमान के रूप में ख्यात है। बुजुर्ग बताते हैं कि यह मंदिर रियासत कालीन समय का है। इसकी स्थापना 300 वर्ष पूर्व गांगदे बाबा सौरोत ने कराई थी।

कस्बे में बीचों-बीच स्थित महू खास के बालाजी को लेकर मान्यता है कि प्रतिमा को कमराबंद मंदिर की बजाय खुला वातावरण पसंद है। ग्रामीणों ने कई बार मंदिर निर्माण का प्रयास किया, लेकिन छत या पिलर निर्माण के दौरान ही गिर गए। खुले में विराजित हनुमानजी की प्रतिमा पर गर्मियों में तेज धूप, सर्दियों में कोहरा और बारिश होती है। ग्रामीणों ने जन सहयोग से हनुमानजी की प्रतिमा के प्राचीन चबूतरे का पक्का निर्माण करा जीर्णोद्धार कराया है। महंत टीकम चंद्र शास्त्री द्वारा मंगलवार व शनिवार को चोला चढ़ा कर प्रतिमा का शृंगार किया जाता है।
प्राचीन वीर हनुमानजी के मंदिर पर क्षेत्र के दर्जनों गांवों से दर्शनार्थियों का तांता रहता है। वहीं दिल्ली,मुंबई, गुजरात से भी आस्था लेकर श्रद्धालुओं की आवक होती है। गांव के सभी समाज के लोग मंदिर पर दर्शन के लिए आते हैं और सुबह-शाम की आरती में शामिल होते हैं। मंदिर पर कई वर्षों से अखंड ज्योति प्रज्वलित है।
ग्रामीणों ने बताया मंदिर में प्रति दिन पूजा अनुष्ठान कार्यक्रम होते हैं। खास तौर पर बासंती व शारदीय नवरात्र में नौ दिनों तक अखंड रामचरित मानस पाठ व पूजा होती है। इसके अलावा हनुमान जयंती, रामनवमी, होली, दीपावली, दशहरा आदि त्योहारों पर विशेष पूजा कार्यक्रम होते हैं।
गांव में हैं तीन मंदिर-
महू गांव में वीर हनुमानजी के तीन मंदिर है। तीनों ही मंदिरों के प्रति श्रद्धालुओं में गहरी आस्था है। महू इब्राहिमपुर के मंदिर पर सीतारामजी के दरबार सजा हुआ है। वहीं महू खास के मंदिर पर हनुमानजी के अलावा राधारमनजी एवं लक्ष्मीनारायण, गणेशजी का दरबार सजा हुआ है। महू गांव में शादी पर दूल्हा हनुमान मंदिर में ढोक लगाने के बाद ही बारात लेकर आगे बढ़ता है। वहींं बच्चों के मुंडन भी हनुमानजी के दरबार में कराए जाते हैं।
प्रसिद्ध है महू का हनुमान मेला-
करौली जिला सहित आस-पास के कई जिलों में महू के हनुमानी का मेला प्रसिद्ध है। होली के पांच दिन बाद चैत्र सुदी पंचमी के महूं गांव में हनुमानजी का दो दिवसीय मेला भरता है। लक्खी मेले में करौली, सवाईमाधोपुर व भरतपुर जिले के जाट चौरासी क्षेत्र के लोग खासतौर पर शामिल होते हैं। मेले में दर्जनों सजीव झांकियों की शोभायात्रा व रात में लोक संस्कृति के कार्यक्रम मुख्य आकर्षण होते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो