दोपहर में पत्रिका टीम मिसेज इंडिया यूनिवर्स के घर पहुंची। मकान आधुनिक था, लेकिन जीवन जीने का अंदाज ग्रामीण परिवेश से लवरेज था। जेठ, जेठानी, परिवार की युवतियां घरेलू कामकाज व मवेशी के संभालने में व्यस्त थीं। घर के बरामदे में तख्त पर बैठी ७५ वर्षीय सास जगनी देवी से प्रीति के बारे पूछा तो चेहरे पर झुर्रियों के बीच खुशी झलक उठी। निरक्षर जगनी देवी मिसेज इंडिया यूनिवर्स कांटेस्ट के बारे में नहीं जानती है, लेकिन उसे यह जरुर पता है कि उसकी सबसे छोटी बहू ने देश की सबसे खूबसूरत महिला होने का गौरव हासिल किया है। जेठानी बत्तोदेवी, बताशी, उर्मिला व द्रोपदी को भी छोटी देवरानी की सफलता पर नाज है। उनका कहना था कि शहरी अंदाज में रहने वाली प्रीति गांव आने पर उनकी तरह देहाती संस्कृति में रच बस जाती है। वही मीणा परिवेश के पहनावे के साथ खेत-खलिहान और पशुपालन की बातों से वह उनमें पूरी तरह हिलमिल जाती है। कुछ दिन पहले घर आई प्रीति ने उन्हें सौंदर्य प्रतियोगिता के बारे में बताया था।
सबसे ब्युटीफुल हमारी चाची –
प्रीति के पति बीएस मीणा के चार बड़े भाई हैं। एक गंगापुरसिटी व तीन गांव में ही रहते हैं। नौ भतीजियों सहित बच्चे भी प्रीति के खिताब जीतने से खुश हैं। भतीजी प्रियंका ने चहकते हुए कहा कि मेरी चाची देश में सबसे ब्युटीफुल है।
दुल्हन बन आई तब भी सुन्दरता भायी-
सास जगनी देवी ने भोले अंदाज में कहा कि चार वर्ष पहले प्रीति दुल्हन बन गांव आई, तब भी परिवार के साथ पूरे गांव की महिलाओं को उसकी खूबसूरती भायी थी। जगनी ने कहा कि भैया क्रीम-पाउडरन को मोय पतो नईअ। ऊ तो पहले तेई खूब सुन्दर है।