टीम राजस्थान के जिला संयोजक सुरेशचंद बनकी व भीम आर्मी के पिन्टू जाटव ने बताया कि महाराष्ट्र के पुणे में एक जनवरी 2018 को हुए भीमा-कोरेगांव जातीय संघर्ष में सरकार ने दलितों पर झूठे मामले दर्ज कर लिए। सैंकड़ों बेगुनाहों को पकड़ कर जेल में बंद कर दिया। एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए बदलाव के विरोध में दो अप्रेल को हुए भारत बंद के दौरान भी बेकसूर दलितों पर एफआईआर दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि उत्तरप्रदेश में हो रहे दलित अत्याचारों के विरोध में काम कर रहे भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर रावण को योगी सरकार ने रासुका लगाकर जेल में बद कर दिया। देशभर में लगातार हो रहे उत्पीडऩ से दलित वर्ग में आक्रोश पनप रहा है। उन्होंने बताया कि अगर शीघ्र ही दो अप्र्रेल के भारत बंद व भीमा-कोरेगांव मामले के दलितों पर दर्ज मुकदमें वापिस नहीं लिए और चन्द्रशेखर को रिहा नहीं किया तो देशभर में दलित समाज की ओर से आंदोलन किया जाएगा।
इससे पहले दलित युवा जाटव बस्ती स्थित अम्बेडक़र चौक में एकत्रित हुए जहां से शांतिपूर्ण रैली के रूप में तहसील पहुंचे। जहां उन्होंने केन्द्र की मोदी सरकार व उत्तरप्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इस दौरान पार्षद मनोज जाटव, जाटव समाज युवा मोर्चा अध्यक्ष बृजेश कोटवास, लोकेश कोटवास, डीएएफएसआई के भूपेन्द्र काचरौली, सुजानसिंह, अजय कुमार मौजूद रहे।
चौकन्ना रहा पुलिस प्रशासन
विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन चौकन्ना नजर आया। पुलिस की गुप्तचर शाखा भी स्थिति पर नजर बनाए रही। सुबह से ही सूरौठ थानाप्रभारी शरीफ अली के नेतृत्व में पुलिस जाप्ता तहसील परिसर में तैनात रहा। पंचायत समिति में ज्ञापन देने के दौरान कोतवाली थानाप्रभारी विनोद कुमार व नईमंडी थानाप्रभारी विनोद कुमार, एसआई रूपसिंह मय जाप्ता के पहुंचे।