इससे बस की छत पर बैठे 40 जने झुलस गए। वहीं मौके पर अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर पहुंची एम्बुलेंस व निजी वाहनों से झुलसे हुए लोगों को राजकीय चिकित्सालय में पहुंचाया गया। जहां गंभीर रूप से झुलसे 17 जनों को भर्ती कर लिया, जबकि अन्य लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। सूचना
पर कोतवाल अध्यात्म गौतम व विद्युत निगम (शहरी) के सहायक अभियंता महेन्द्र कामवार मौके पर पहुंचे तथा मामले की जानकारी ली। बाद में पुलिस ने बस को जब्त कर लिया। पुलिस के अनुसार अलीपुरा गांव से करीब 110 लोग किराए पर बस लेकर खेड़ला के पास स्थित कोंडरा गांव में भागवत कथा के समापन पर महवा, टोडाभीम व हिण्डौन तहसील के भंडारे में प्रसादी ग्रहण करने जा रहे थे। क्षमता से अधिक सवारियां होने के कारण 40 से अधिक लोग बस की छत पर बैठ गए।
इस बीच रास्ते में झारेड़ा रोड पर हरिजन बस्ती से होकर गुजर रही विद्युत लाइन से बस की छत पर बैठे लोग संपर्क में आ गए। इससे पूरी बस करंट दौड़ गया। एक-दूसरे के संपर्क में आने से लोग झुलसने तो हडक़ंप मच गया।
कई लोग जान बचाने के लिए चलती बस की छत से कूद गए। शोरगुल सुन चालक ने बस को विद्युत लाइन से आगे निकाल दिया। जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया। ग्रामीणों की लगी भीड़
हादसे की सूचना मिलते ही चिकित्सालय में ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा। बडे हादसे की सूचना पर एमओटी पहुंचे पीएमओ डॉ. नमोनारायण मीणा, मेडीकल ज्यूरिस्ट डॉ. दीपचंद कोली, वरिष्ठ सर्जन डॉ. जेपी मीणा व डॉ आशीष शर्मा के साथ आधा दर्जन से अधिक नर्सिंगकर्मियों ने झुलसे हुए लोगों का उपचार किया।
ये गंभीर रूप से झुलसे
करंट लगने से अलीपुरा गांव निवासी राकेश कुमार, पुष्पेन्द्र माली, हरज्ञानसिंह, रिंकेश, हेमराज, विष्णु कुमार, नाहरसिंह, महेशचंद, सुगरसिंह, भरतीराम, अर्जुनसिंह, रवि कुमार, सुरेशचंद, रिंकू, अजय कुमार, समयसिंह व मोहनसिंह माली गंभीर रुप से झुलस गए। जिनको चिकित्सकों ने भर्ती कर लिया। जबकि मामूली तौर पर झुलसे करीब दो दर्जन लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
सुनाई खरी-खोटी
घटना से लोगों में गुस्सा भी नजर आए। सूचना पर चिकित्सालय पहुंचे निगम अभियंताओं को झुलसे हुए लोगों के परिजनों ने खूब खरी-खोटी सुनाई। मौके की नजाकत भांप अभियंता व कार्मिक वहां से खिसक लिए।