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राजस्व आय में बढ़ोतरी की खातिर रोडवेज अपनाएगी अब यह नया फण्डा…पढ़े पूरी खबर

locationकरौलीPublished: Jun 26, 2018 09:04:48 pm

Submitted by:

Dinesh sharma

शुरू होगी बस सारथी योजना
आज से लिए जमा होंगे आवेदन
 

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राजस्व आय में बढ़ोतरी की खातिर रोडवेज अपनाएगी अब यह नया फण्डा…पढ़े पूरी खबर

हिण्डौनसिटी. कर्मचारियों की कमी से साल दर साल घाटे में जा रही रोडवेज (राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम) का बेड़ा पार करने के लिए ‘सारथी’ का सहारा लिया जाएगा। हाल ही शुरु की गई बस सारथी योजना के तहत हिण्डौनसिटी व करौली आगार में परिचालकों की भर्ती की जाएगी। दोनों आगारों में फिलहाल 50 परिचालकों की कमी चल रही है। जिससे जिले के कई रूटों पर बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में घाटे की खाई गहराती जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक योजना के तहत आवेदन करने वालों को साक्षात्कार व लिखित अनुबंध के बाद तय रूट पर एक जुलाई से संचालन के लिए बस सौंपी जाएगी। इससे पहले 27 से 30 जून तक अभ्यर्थियों के आवेदन जमा किए जाएंगे। बस सारथी बनने के लिए 10 वीं पास होना अनिवार्य है। इसके लिए 18 से 55 वर्ष की आयु के लोग आवेदन कर सकेंगे। चयन होने के बाद सारथी से अमानत राशि के तौर पर 30 हजार रुपए जमा किए जाएंगे। जबकि मानदेय के रुप में प्रतिमाह उसे 11 हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा।
मिल सकेंगे फायदे के रूट
योजना के तहत पहले जहां सारथी को घाटे में चल रहे रूट की बसों पर नियुक्ति दी जाती थी, लेकिन अब वे अपनी पसंद के मुताबिक अधिक राजस्व व फायदे वाले रूट की बसों पर काम कर सकेंगे। राजस्व बढ़ोतरी की सीमा भी पांच प्रतिशत कर दी गई है। जो पहले 10 प्रतिशत थी। यानि वर्तमान में मिल रहे राजस्व से पांच फीसदी अधिक देने पर भी सारथी को रूट दिया जा सकेगा।
50 परिचालकों की कमी
सूत्रों के अनुसार करौली व हिण्डौनसिटी आगार में परिचालकों के 171 पद स्वीकृत हैं, लेकिन दोनो आगारों में फिलहाल 121 परिचालक कार्यरत है। ऐसे में 50 पद रिक्त चल रहें है। जबकि 13 परिचालक हिण्डौन, करौली व गंगापुरसिटी में बुकिंग बाबू के रूप में कार्यरत है। परिचालकों की कमी के चलतेे आगार से बसों का सुचारू संचालन नहीं हो पा रहा है।
प्रतिमाह 27 लाख रुपए का घाटा
परिचालकों की कमी के कारण हिण्डौनसिटी व करौली आगार के बेड़े में शामिल 93 बसों का सुचारू संचालन नहीं होने से प्रतिदिन करीब 90 हजार रुपए के घाटा उठाना पड रहा है। ऐसे मेे रोडवेज आगार को लक्ष्य की तुलता में प्रतिमाह करीब 27 लाख रुपए का घाटा हो रहा है।
फैल हो चुकी है योजना
सूत्रों के अनुसार रोड़वेज ने वर्ष 2016 में भी बस सारथी योजना शुरु की थी। लेकिन नियमों की पेचीदगी व कम कमीशन के चलते योजन फ्लॉप हो गई थी। ऐसे में रोडवेज ने अब योजना में संशोधन कर इसे पुन: लागू किया है।
मिलेगा फायदा
परिचालकों की कमी को देखते हुए बस सारथी के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इस बार योजना में कई रियायतें दी गई हैं। योजना में की गई शिथिलता की वजह से रोड़वेज के साथ-साथ सारथी को भी फायदा मिलेगा।
बहादुरसिंह गुर्जर मुख्य प्रबंधक, रोडवेज आगार हिण्डौनसिटी।
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