नगर नियोजन विभाग, जयपुर के वरिष्ठ नगर नियोजक ओपी पारीक ने बताया कि हिण्डौन शहरी क्षेत्र के लिए पूर्व में वर्ष 1996 में मास्टर प्लान बनाया गया था, जो वर्ष 2016 तक की अवधि तक था। उसी मास्टर प्लान को जून 2018 तक बढ़ा दिया गया। अब वर्ष 2036 तक की नगर परिषद क्षेत्र की आबादी और विस्तार को देखते हुए मास्टर प्लान प्रस्तावित किया गया है। जिसका प्रकाशन नगर परिषद के सभापति अरविन्द जैन सहित नगर नियोजन विभाग के उपस्थित अधिकारियों ने विधिवत रूप से किया।
इस दौरान वरिष्ठ नगर नियोजक पारीक ने उपस्थित पार्षदों एवं शहर के प्रमुख लोगों को प्रस्तावित मास्टर प्लान के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से जानकारी दी। उपस्थित लोगों से कहा गया कि वे 27 जुलाई तक मास्टर प्लान के संबंध में अपने सुझाव व आपत्तियां लिखित रूप से प्रस्तुत कर सकते हैं।
बाद में उनका विश्लेषण कर आवश्कतानुसार मास्टर प्लान में संशोधन किया जाएगा। मास्टर प्लान के प्रारूप प्रकाशन के दौरान नगर परिषद परिसर में रंगीन मानचित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस मौके पर उप नगर नियोजक अमित व्यास, अनुसंधान सहायक जयसिंह रत्नु, भरतपुर के उप नगर नियोजक विष्णु गुप्ता, हिण्डौन नगर परिषद के सहायक नगर नियोजक विनोद शर्मा और निगम के एक्सईएन आदि उपस्थित थे।
प्रस्तावित मास्टर प्लान में शामिल है नया बाईपास
नगर नियोजन विभाग की ओर से प्रस्तावित किए गए मास्टर प्लान में हिण्डौन का नया बाईपास आरक्षित किया गया है। महवा मार्ग के रेवई मोड से शुरू होकर यह बाईपास रेलवे स्टेशन, बयाना रोड, प्रहलाद कुंड होते हुए करौली मार्ग के जाट का तालाब के पास निकलेगा।
प्रस्तावित मास्टर प्लान में क्यारदा बांध के पश्चिम की ओर नगर वन प्रस्तावित किया गया है। इसके साथ ही कैलाश नगर के मंडी यार्ड के पास सरकारी आवासों के लिए, क्यारदा से आगे रीको विस्तार के लिए, कंटेनर डिपो के पास थोक व्यापार एवं गोदामों के लिए जमीन आरक्षित की गई है। इसके साथ ही पार्कों के लिए 12 फीसदी जमीन आरक्षित की गई है।
प्रस्तावित मास्टर प्लान में अधिसूचित नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत हिण्डौन सहित 21 राजस्व ग्रामों को सम्मलित किया गया है। मास्टर प्लान में वर्ष 2036 में हिण्डौन शहरी क्षेत्र की जनसंख्या 2 लाख 72 हजार होने का अनुमान व्यक्त किया है। उस आबादी के अनुसार 2945 हैक्टेयर नगरीयकरण योग्य क्षेत्र प्रस्तावित किया गया है।