नतीजतन बारिश के मौसम में किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है। लेकिन करोड़ों का मण्डी शुल्क कमाने वाली मण्डी में सुविधाओं को दरकिनार किया जा रहा है। असल में मण्डी परिसर में प्र्याप्त प्लेटफार्म नहीं हैं, मण्डी परिसर में मात्र एक ब्लॉक में ही जिंसों को रखने के लिए प्लेटफार्म बना हुआ है। जबकि मण्डी यार्ड में अन्य ब्लॉक भी बने हुए हैं, जहां खुले में ही जिंस रखना किसानों की मजबूरी है।
ऐसे में किसानों को बड़ी मात्रा में अपनी कृषि जिंसों को खुले परिसर में ही रखना है। बारिश के दौरान खुले में रखी कृषि जिंस भीग जाती है और किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है।
बुधवार की रात एवं गुरुवार को दोपहर हुई बारिश के दौरान भी मण्डी यार्ड में बड़ी मात्रा में कृषि जिंस भींग गई। जिससे किसानों को नुकसान सहन करना पड़ा। मंडी यार्ड के एक ही ब्लॉक में जिंसों की सुरक्षा के लिए प्लेटफार्म बना हुआ है।
अन्य ब्लॉकों में प्लेटफार्म का अभाव होने से किसानों और व्यापारियों की जिंसें दुकानों के बाहर सडक़ एवं फुटपाथ पर रखी हुई है। बुधवार की रात एवं गुरुवार को दोपहर बारिश होने से मंडी यार्ड परिसर में खुले में रखी किसानों एवं व्यापारियों की जिंसें पानी में भीग गई, जिससे काफी नुकसान हो गया।
गुरुवार को सुबह पीडि़त किसान अपनी भीगी बाजरा, सरसों, व गेहूं की जिंसों को सुखाते हुए दिखाई दिए, लेकिन दोपहर को बारिश होने से खुले में रखीं जिंसें पुन: भीग गई। व्यापार मंडल के अध्यक्ष विशंभर गर्ग ने बताया किसान खरीफ की फसल की बुआई की तैयारियों में जुटा है। इस कारण ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। मंडी यार्ड के अन्य ब्लॉकों में भी प्लेटफार्म बनाने के लिए मंडी समिति प्रयासरत है।