हिरण विचरण क्षेत्र में बारिश होते ही हिंसक श्वान हिरणों पर टूट पड़ते हैं। इस माह में अब तक श्वानों के हमलों में 21 हिरणों की मौत हो चुकी है, लेकिन विभाग हिरणों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम कर पाने में नाकाम साबित हो रहा है। शुक्रवार को विचरण क्षेत्र के गांव दानालपुर के राजकीय स्कूल के सामने दो मादा हिरणों की मौत हुई। वहीं इरनिया जोगी बस्ती में दो काले हरिण व एक इरनिया में हिरण को श्वानों के हमले में जान गंवानी पड़ी।
इसके अलावा बिनेगा गांव में भी एक हिरण घायल हो गया। जिसने बाद में दम तोड़ दिया। गौरतलब है कि गुरुवार को भी श्वानों के हमले में दो हिरणों की मौत हुई थी, जबकि इससे पहले इस माह के शुरूआत में भी हुई बारिश के बाद श्वानों ने 13 हिरणों को मार डाला था।
नहीं था कोई कार्मिक
ग्रामीणों के अनुसार शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे श्वानों ने हिरणों पर हमला किया, उस समय क्षेत्र में कोई वनकर्मी मौजूद नहीं था। बाद में क्षेत्र में तैनात एक वनकर्मी अतरसिंह मौके पर पहुंचा। ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय अधिकारी भी हिरणों की आए दिन हो रही मौत के बावजूद सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त करने में लापरवाही बरत रहे हैं। हालांकि इसके बाद करीब 10 बजे करौली से टीम मौके पर पहुंंची और मृत व घायल हिरणों को शांतिवीर नगर स्थित नर्सरी लेकर पहुंची। नर्सरी में पशु चिकित्सक बनैसिंह को बुलाकर मृत हिरणों का पोस्टमार्टम कराकर दफनाया गया।
ग्रामीणों के अनुसार शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे श्वानों ने हिरणों पर हमला किया, उस समय क्षेत्र में कोई वनकर्मी मौजूद नहीं था। बाद में क्षेत्र में तैनात एक वनकर्मी अतरसिंह मौके पर पहुंचा। ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय अधिकारी भी हिरणों की आए दिन हो रही मौत के बावजूद सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त करने में लापरवाही बरत रहे हैं। हालांकि इसके बाद करीब 10 बजे करौली से टीम मौके पर पहुंंची और मृत व घायल हिरणों को शांतिवीर नगर स्थित नर्सरी लेकर पहुंची। नर्सरी में पशु चिकित्सक बनैसिंह को बुलाकर मृत हिरणों का पोस्टमार्टम कराकर दफनाया गया।
ग्रामीणों ने जताया रोष
हिरण विचरण क्षेत्र में आए दिन श्वानों के हमले में हो रही हिरणों की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि हिरणों की सुरक्षा के प्रति वन विभाग पूरी तरह बेपरवाह बना हुआ है। ग्रामीणों ने मृत हरिणों को लेने आए कार्मिकों को खरी खोटी सुनाई तथा नारेबाजी की। वन एवं वन्यजीव समिति अध्यक्ष कमलराम मीना, विजय, रामनिवास, नरसी, भगतराम, दिलीप, मानसिंह जोगी आदि ने बताया कि गत वर्ष क्षेत्र में वनकर्मियों की नियुक्ति की, लेकिन इस बार अभी तक वनकर्मी नहीं लगाएं हैं।
हिरण विचरण क्षेत्र में आए दिन श्वानों के हमले में हो रही हिरणों की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि हिरणों की सुरक्षा के प्रति वन विभाग पूरी तरह बेपरवाह बना हुआ है। ग्रामीणों ने मृत हरिणों को लेने आए कार्मिकों को खरी खोटी सुनाई तथा नारेबाजी की। वन एवं वन्यजीव समिति अध्यक्ष कमलराम मीना, विजय, रामनिवास, नरसी, भगतराम, दिलीप, मानसिंह जोगी आदि ने बताया कि गत वर्ष क्षेत्र में वनकर्मियों की नियुक्ति की, लेकिन इस बार अभी तक वनकर्मी नहीं लगाएं हैं।
बढ़ाएंगे सुरक्षा
इस मामले में वन विभाग के हिण्डौनसिटी रैंजर आरपी शर्मा का कहना है कि यह सही है कि बारिश के दिनों में पहली बार इतनी संख्या में हिरणों की मौत हुई है। हिरणों की मौत रोकने के लिए वनकर्मियों की संख्या बढ़ाई जा रही है और जीप से भी गश्त शुरू कर दी गई है।
इस मामले में वन विभाग के हिण्डौनसिटी रैंजर आरपी शर्मा का कहना है कि यह सही है कि बारिश के दिनों में पहली बार इतनी संख्या में हिरणों की मौत हुई है। हिरणों की मौत रोकने के लिए वनकर्मियों की संख्या बढ़ाई जा रही है और जीप से भी गश्त शुरू कर दी गई है।