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धूप में खड़ी रही महिलाएं, एक घंटे बाद चैम्बर से निकले एसडीओ

locationकरौलीPublished: Jul 03, 2018 05:35:05 pm

Submitted by:

Dinesh sharma

दो पार्षदों के नेतृत्व में दफ्तर के बाहर दिया धरना, लगाए नारे

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हिण्डौनसिटी. तहसील परिसर में प्रदर्शन करती महिलाएं।

हिण्डौनसिटी. खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाने आई नगरपरिषद क्षेत्र के वार्ड छह व सात की महिलाओं को मंगलवार दोपहर तहसील परिसर में तेज धूप में खड़ा रहना पड़ा। करीब एक घंटे बाद पार्षद के फोन करने के बाद एसडीओ अपने चैम्बर से बाहर आए तो महिलाएं बिफर पड़ी। एसडीओ ने आवेदन फॉर्म कर की पूर्ति कर जमा कराने की बात कही।
इस पर नाराज महिलाएं पार्षदों के नेतृत्व में एसडीओ कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ नारे लगाने लगी। दरअसल एसडीओ डॉ. दुलीचंद मीणा अपने दफ्तर में आए कुछ भाजपा नेताओं से वार्तालाप कर रहे थे। ऐस में उन्हें ज्ञापन लेने के लिए बाहर आने में देरी हो गई।
नगरपरिषद के वार्ड छह व सात के अन्र्तगत आने वाली जैन कॉलोनी, महावर कॉलोनी, खन्ना कॉलोनी, नई मंडी क्षेत्र, शास्त्री बाजार, खादी भंडार के पास, मंडावरा रोड की करीब दो दर्जन महिलाएं पार्षद गोपेन्द्र पावटा व संतोष कुमारी के नेतृत्व में तहसील पहुंची। जहां खाद्य सुरक्षा योजना की सूची में नाम जोडऩे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि प्रभावशाली व नौकरीपेशा लोगों के नाम योजना में शामिल हैंं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर व पात्र लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा योजना में नहीं जोड़े जा रहे हैं। महिलाओं का कहना था कि पूर्व में कई बार तहसीलदार व एसडीओ को ज्ञापन देकर पात्र लोगों के नाम सूची में जुड़वाने की मांग की गई। लेकिन नियमों का हवाला देकर उनके आवेदनों को खारिज कर दिया गया। इस दौरान भाजपा महिला मोर्चा की लक्ष्मी गुर्जर, रेखा, पुष्पा, नेहा, मंजू, रामदुलारी, सुनीता, बबली, ओमवती, सबीना आदि महिलाएं मौजूद थी।
भाजपा नेताओं ने की एसडीओ की पैरवी
पार्षद व महिलाएं जब उपखंड कार्यालय के बाहर धरने पर बैठकर नारे लगाने तो इसी बीच भाजपा नेता मुकेश तिवारी व शीला चंदन वहां आए और एसडीओ की पैरवी करने लगे। इस पर कांग्रेसी पार्षद गोपेन्द्र पावटा ने कहा कि सही मायने में आप लोगों के साथ हैं तो धरने पर बैठ जाएं। ऐसे में भाजपा नेताओं ने धरने पर बैठ कर महिलाओं को समझाने की कोशिश की। लेकिन उनके संतुष्ट नहीं होने पर एसडीओ को फिर बाहर आकर समझाइश करनी पड़ी। नाम जुड़वाने के आश्वासन पर दोपहर करीब ढाई बजे महिलाएं धरने से हटी।

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