स्कूल के भवन के लिए भूमि की खरीद के लिए अब तक करीब 6 लाख रुपए जनसहयोग से एकत्रित हो चुके हैं।
प्रधानाचार्य रहीमुद्दीन खान ने बताया कि वर्तमान स्कूल भवन में कक्षा कक्षों का अभाव है। वहीं उनकी स्थिति भी अच्छी नहीं होने से बारिश में पानी आ जाता है।
इससे विद्यार्थियों को परेशानी होने के साथ पढ़ाई बाधित होती है। इसे लेकर ग्रामीणों को समस्या से अवगत कराया तो गत दिनों सर्वसमाज के लोगों की बैठक हुई, जिसमें नए कक्ष निर्माण के लिए भूमि खरीदने का निर्णय किया गया। इस पर एक समिति का गठन किया। इस समिति द्वारा सभी से जनसहयोग जुटाया जा रहा है। लोग भी इस कार्य में आगे आकर आर्थिक सहयोग कर रहे हैं। अभी तक 6 लाख रुपए एकत्रित हो चुके हैं।
हालांकि कक्षा कक्षों का निर्माण सरकारी बजट से ही कराया जाएगा। गौरतलब है कि स्कूल में करीब 300 विद्यार्थी हैं, लेकिन कक्षा कक्ष 6 ही हैं। जबकि कक्षा 11 संचालित हैं। कक्षा कक्षों की स्थिति भी अच्छी नहीं है। ऐसे में अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों को खुले में या बरामदे में बिठाना स्कूल प्रशासन की मजबूरी है।
उम्मीदों पर पानी ना फेर दे फडक़ा
महूइब्राहिमपुर (हिण्डौनसिटी). इस बार मानसून के शुरूआती दौर से मुस्कुराई बाजरा की फसल अब फडक़ा रोग की चपेट में आई है। इससे किसान चिंतित हैं। फसल में नुकसान को लेकर चिंतित क्षेत्र के किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों से फसल को रोग से बचाने के लिए किसान सेवा केन्द्रों पर रोग निवारक दवा उपलब्ध कराने की मांग की है।
क्षेत्र के महूइब्राहिमपुर, महूदलालपुर, महूखास, करई, गुढ़ापोल, सीतापुर, पाली आदि गांवों में खेतों में बाजरे की फसल लहलहा रही है। इसके चलते किसान इस बार बाजरे की बम्पर पैदावार होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन फसल में फडक़ा का प्रकोप उनकी उम्मीदों पर पानी फेर रहा है। किसानों का कहना है कि अभी रोग प्रारंभिक अवस्था में है, ऐसे में कृषि विभाग रोग निवारक दवा उपलब्ध कराए तो फसल में नुकसान होने से बचाया जा सकेगा।
किसानों ने बताया कि बारिश का दौर थमने के बाद ही बाजरा की फसल में फडक़ा रोग लग गया। पौधों के तने पर चिपके फडक़ा कीट नर्म पत्तों को चट कर रहे हैं। पत्तों के अभाव में पौधों की बढ़त भी अवरुद्ध हो गई है।