किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों से प्रारंभिक अवस्था में ही रोग नियंत्रण के लिए अभियान चलाने की मांग की है। क्षेत्र के रेवई, गूंदेपूरा, लोंगटीपुरा, सूबेदार का पुरा, चंदीला, लहचौड़ा, बाजना खुर्द, बाजना कला, किसाने का नंगला आदि गांवों में गत माह हुई बारिश के चलते खेतों में बाजरा की फसल लहलहा रही थी, लेकिन अब फसल के फडक़ा की चपेट में आने से पौधों का विकास अवरुद्ध हो गया है।
क्षेत्र के किसान कुमरसिंह जाट, चैनसिंह, रामकुमार ने बताया कि किसान अच्छी फसल की आशा कर रहे थे, बारिश का दौर सुस्त पडऩे सेबाजरा फसल में फडक़ा रोग लग गया। पौधों के तने पर चिपके फडक़ा कीट नर्म पत्तों को चट कर रहे हैं। पत्तों के अभाव में पौधों की बढ़त रुक गई है। फडक़ा रोग से फसल में नुकसान की आशंका को लेकर किसान चिंतित हैं।
ज्वार पर भी फडक़ा की जकड़ में
क्षेत्र के गांवों में ना केवल बाजरे की फसल फडक़ा की चपेट में आई है, बल्कि ज्वार भी फडक़ा की जकड़ में है। इससे नुकसान को लेकर किसान चिंतित हैं। किसानों ने बताया कि बाजरे व ज्वार की फसल में फडक़ा रोग लग जाने के कारण अधिकतर फसल खराब हो रही है। इससे किसानों को नुकसान होगा।
क्षेत्र के गांवों में ना केवल बाजरे की फसल फडक़ा की चपेट में आई है, बल्कि ज्वार भी फडक़ा की जकड़ में है। इससे नुकसान को लेकर किसान चिंतित हैं। किसानों ने बताया कि बाजरे व ज्वार की फसल में फडक़ा रोग लग जाने के कारण अधिकतर फसल खराब हो रही है। इससे किसानों को नुकसान होगा।
किसानों ने कृषि मंत्री व जिला कलक्टर को पत्र भेज फसल का सर्वे कराने की मांग की है। किसानों के अनुसार सूरौठ, धुरसी, विजयपुरा, रीझवास, बाईजट्ट, कलसाड़ा, पाली बेरखेड़ा, लहचोड़ा, सीतापुर, सोमला, सोमली, धंधावली, जटवाड़ा, भुकरावली ढिंढोरा, जटनंगला, खीपकापुरा आदि गावों में बाजरा, ज्वार फडक़ा की चपेट में आई है।