इसके अलावा ग्रामीणों ने ग्रामीण क्षेत्र के तीन फीडरों की सप्लाई को भी बाधित कर दिया। इससे करीब दो घंटे तक आधे शहर के अलावा दर्जनों गांवों में बिजली आपूर्ति ठप रही। इससे लोगों को गर्मी में परेशानी का सामना करना पड़ा। सूचना पर पहुंची कोतवाली थाना पुलिस ने लाठियों से ग्रामीणों को जीएसएस से बाहर कर खदेड़ा। मुख्यमंत्री की गौरवयात्रा से पहले शहर में हुई घटना दिनभर चर्चा का विषय बनी रही।
दोपहर करीब एक बजे सिकरौदा गांव के दर्जनों ग्रामीण जुगाड़ में भरकर जीएसएस पहुंचे तथा गेट को खोलकर अंदर घुस गए। जहां तकनीकी कर्मचारी व अन्य को बंधक बनाकर शहरी क्षेत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय व शाहगंज फीडर की विद्युतापूर्ति को जबरन बंद करा दिया।
ग्रामीणों ने इसके बाद ग्रामीण क्षेत्र के सिकरौदा, बरगमां व बादलपुर फीडरों की विद्युतापूर्ति को भी बंद करा दिया। इससे शाहगंज, नीमका बाजार, कटरा बाजार, बायपास रोड, पंचायत समिति के पास समेत आधे शहर व दर्जनों गांवो की विद्युतापूर्ति ठप हो गई।
ग्रामीणों का कहना था कि पहले गांव की विद्युत आपूर्ति इसी जीएसएस से होती थी, लेकिन निगम अभियंताओं ने मनमानी कर गांव को सूरौठ जीएसएस से जोड़ दिया है। जिससे लोगों को समुचित बिजली नहीं मिल पा रही। मामले की सूचना मिलने पर कनिष्ठ अभियंता सुदीप कुमार मौके पर पहुंचे तथा ग्रामीणों से समझाईश का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे।
सूचना पर कोतवाली थाना प्रभारी अध्यात्म गौतम, नई मंडी चौकी प्रभारी मुकेश गुर्जर मय जाप्ता के मौके पर पहुंचे तथा ग्रामीणों से समझाईश की। जब ग्रामीण नहीं माने तो पुलिस कर्मियों ने लाठियां भांजते हुए ग्रामीणों को जीएसएस से बाहर खदेड़ा। कनिष्ठ अभियंता सुदीप कुमार ने बताया कि मामले में ग्रामीणों के खिलाफ शिकायत पेश की गई है। उन्होंने बताया कि सिकरौदा के दर्जनों ग्रामीण जीएसएस में घुस आए और कर्मचारी से जबरन सप्लाई बंद करा दी। साथ ही कार्मिकों को बंधक बना लिया।