अध्यापकों के टोटे के चलते स्थिति यह हो रही है कि तीन-तीन कक्षाओं को एक साथ बिठाकर पढ़ाई कराई जा रही है। इससे सहज ही शिक्षण कार्य का अंदाजा लगाया जा सकता है। अवकाश पर जाने पर बढ़ जाती परेशानी
विद्यालय में करीब 150 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। लेकिन इन्हें पढ़ाने के लिए विद्यालय में मात्र दो शिक्षक हैं। एक शिक्षक के छुट्टी चले जाने या विद्यालय संबंधी अन्य कार्यांे में व्यस्त होने पर परेशानी और बढ़ जाती है। ऐसे में सभी कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को एक जगह बिठाना मजबूरी हो जाती है। विद्यालय में तीन का स्टाफ था, उनमेें से एक जने का स्थानांनतरण करके राजौर के विद्यालय में लगा दिया गया। ऐसे में अब दो शिक्षकों के भरोसे विद्यालय चल रहा है।अध्यापकों के रिक्त पदों के चलते छात्र-छात्राओं का अध्ययन कार्य प्रभावित हो रहा।
विद्यालय में करीब 150 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। लेकिन इन्हें पढ़ाने के लिए विद्यालय में मात्र दो शिक्षक हैं। एक शिक्षक के छुट्टी चले जाने या विद्यालय संबंधी अन्य कार्यांे में व्यस्त होने पर परेशानी और बढ़ जाती है। ऐसे में सभी कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को एक जगह बिठाना मजबूरी हो जाती है। विद्यालय में तीन का स्टाफ था, उनमेें से एक जने का स्थानांनतरण करके राजौर के विद्यालय में लगा दिया गया। ऐसे में अब दो शिक्षकों के भरोसे विद्यालय चल रहा है।अध्यापकों के रिक्त पदों के चलते छात्र-छात्राओं का अध्ययन कार्य प्रभावित हो रहा।
पेयजल का भी संकट विद्यालय के नलकूप का ट्रांसफॉर्मर खराब होने से बच्चों को पेयजल की समस्या भी बनी हुई है। इससे पानी का जुगाड़ करना भी मुश्किलभरा होता है। वहीं विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकें भी नहीं मिली है। कक्षा पांच में 19 का नामांकन है, जबकी किताबें महज दो जनों को ही मिली है। इसके अलावा अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों को भी आधी-अधूरी ही पुस्तकें मिल सकी हैं।
होती है परेशानी विद्यालय में 150 विद्यार्थियों का नामांकन है। जबकि दो ही शिक्षक हैं। ऐसे में परेशानी होती है। इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया हुआ है।
चेतराम मीना, कार्यवाहक प्रधानाध्यापक, राउप्रावि बदलेटा
चेतराम मीना, कार्यवाहक प्रधानाध्यापक, राउप्रावि बदलेटा