करौली

नहीं थम रहा हिरणों की मौतों का सिलसिला

वन विभाग नहीं दे रहा ध्यानग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

करौलीJun 12, 2018 / 08:57 pm

Dinesh sharma

बालाजी के पास श्वान के हमले से जख्मी होकर पड़ा हिरण।

हिण्डौनसिटी. हिरण विचरण क्षेत्र इरनिया में हिरणों पर श्वानों के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इससे हिरणों की संख्या में लगातार कमी आ रही है।
वहीं वन विभाग हिरणों की लगातार हो रही मौत के बावजूद उनकी सुरक्षा के प्रति बेपरवाह बना हुआ है। मंगलवार को एक बार फिर कुट्टीन का बालाजी मंदिर के पास हिरणों के झुंड पर श्वानों ने हमला बोल दिया, जिसमें एक हिरण की मौत हो गई, जबकि एक अन्य जख्मी हो गया।
ग्रामीणों ने विभाग के कर्मचारियों को दूरभाष पर सुचना दी, लेकिन कोई नहीं पहुंचा। करीब आधा घंटे बाद वनपाल अतर सिंह घटना स्थल पर पहुंचे तथा मृत मादा हिरण को शांतिवीरनगर स्थित नर्सरी पहुंचाया तथा पशु चिकित्सक डॉ. बनैसिंह को बुलाकर पोस्टमार्टम कराकर दफना दिया।
ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
हिरणों पर लगातार हमले और वन विभाग द्वारा सुरक्षा के प्रबंध नहीं करने पर ग्रामीणों ने रोष जताते हुए प्रदर्शन किया। दानालपुर, इरनिया, हिंगोट, बिनेगा आदि के ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ नारे लगाए। ग्रामीण तेजराम मीना, भगतराम, नरसी, भैरोलाल, कमलराम, सुरेश, लवकुश, रामप्रसाद आदि ने बताया कि विचरण क्षेत्र में तैनात कर्मचारी ड्यूटी के प्रति गंभीर नहीं हैं। ग्रामीणों ने जिला वनाधिकारी को पत्र भेजकर लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
कदंब कुंज के विकास के लिए क्रमिक अनशन
हिण्डौनसिटी. क्षेत्र के करई के कदंब कुंज के विकास की मांग को लेकर सोमवार से शुरू किया गया क्रमिक अनशन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा।
दूसरे दिन अनशन में अन्य ग्रामीण व महिलाएं भी शामिल हुईं।
कदंब कुंज विकास समिति के संयोजक जीतमल बांसरे ने बताया कि कदंब कुंज की लगातार उपेक्षा से कदम्ब कुंज का विकास नहीं हो पा रहा।
कदंब कुंज का पर्यावरण के दृष्टिकोण से विकसित करने को लेकर कई बार जिला प्रशासन के अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन विकास तो दूर उसका संरक्षण तक नहीं हो पा रहा।

इससे क्षेत्र के ग्रामीणों में रोष है। प्रचार प्रमुख विजय सोलंकी ने बताया कि दुसरे दिन अमित कुमार के नेतृत्व में गांव बाजना कला, महू इब्राहिमपुर एव करई के बाल शाखाओं ने क्रमिक अनशन में भाग लिया। इस दौरान अनशन स्थल पर महिलाएं भी पहुंची और सरकार की सद्बुद्धि के लिए भजन-कीर्तन किए। वहीं बाल शाखाओ ने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया।
संयोजक जीतमल बांसरे ने बताया कि कदंब कुंज के लिए चार ग्राम पंचायतों की ओर से आने वाले रास्तों पर सडक़ निर्माण कराने, कदंब कुंज की चारदीवारी कराने, तालाब को आदर्श सरोवर के रूप में विकसित करने, कदंब कुंज के वृक्षों को रोग से बचाने के लिए वृक्ष विशेषज्ञों की टीम गठित करने के साथ कदंब कुंज के पास सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराने की मांग की जा रही है।

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