जब कांग्रेस ने 27 में से 18 सीटें जीतीं तो करौली के जिला प्रमुख बने थे अभय मीना, फर्जीवाड़े के आरोप में भाजपा सरकार ने किया सस्पेंड
जानिए, राज्य सरकार ने करौली जिला प्रमुख अभय कुमार मीना को क्यों सस्पेंड कर दिया...

जयपुर/करौली.
चुनाव में फर्जीवाड़े का आरोप झेल रहे करौली जिला प्रमुख कांग्रेस नेता अभय कुमार मीना को राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया है।
इस कार्रवाई के बाद मीना इस अब जिला परिषद के किसी कार्य व कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
किसने जारी किए आदेश
फर्जी नाम के दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लडऩे के मामले में सत्तासीन भाजपा के अधिकारियों से Patrika.com ने बात की तो सामने आया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने आदेश जारी करके जिला प्रमुख अभय कुमार मीणा को निलम्बित किया है। यह आदेश संयुक्त शासन सचिव (जांच) ने जारी किए हैं।
नाम बदलकर लड़ा था चुनाव
अभय कुमार सपोटरा विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष रमेश मीना के भाई है। गौरतलब है कि फर्जी दस्तावेजों से चुनाव लडऩे की शिकायत मिलने पर राज्य सरकार ने भरतपुर संभागीय आयुक्त से प्रकरण की जांच कराई थी। जांच में स्पष्ट हुआ कि जिला प्रमुख का असली नाम रघुवीर है, लेकिन दस्तावेजों में गड़बड़ी कर नाम अभय कर लिया।
इस जांच में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लडऩा पाया गया। इसके बाद जनवरी माह में तत्कालीन जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी ने जिला प्रमुख के खिलाफ करौली कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
ये है फर्जीकारी का मामला
आरोप है कि जिला प्रमुख अभय कुमार मीना का असल में नाम रघुवीर है जबकि निर्वाचन के समय उन्होंने शपथ पत्रों में अपने नाम को छुपाकर गलत जानकारी दी। मामले में संभागीय आयुक्त भरतपुर द्वारा की गई जांच के बाद पुलिस ने अनुसंधान शुरू करते हुए अभय पर लगाए आरोपों की पड़ताल की। पुलिस ने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर नाम बदलकर चुनाव लडऩे का अपराध प्रमाणित पाया। पुलिस ने मामले में सम्बंधित न्यायालय में चार्जशीट पेश करने के लिए फाइल सरकार को भेजी है। पुलिस जांच में मामला प्रमाणित होने पर पंचायती राज विभाग ने पंचायती राज अधिनियम १९९४ की धारा (३८) चार के तहत अभय कुमार मीना को जिला प्रमुख के पद से निलंबित कर दिया है।
ये भी मिली गड़बड़ी
वर्ष १९९८ में निर्वाचक पहचान पत्र संख्या २५८२५१ में रघुवीर पुत्र शंकर नाम दर्ज है। २००२ में इस क्रम पर अभय कुमार पुत्र शंकर का नाम अंकित है। इससे साबित होता है कि अभय व रघुवीर एक ही मतदाता है। जिला परिषद सदस्य के निर्वाचन के समय नाम निर्देशन पत्र में गांव में अभय ने जमीन होना बताया है, जबकि वहां अभय के नाम से जमीन ही नहीं है। जो जमीन है वो रघुवीर के नाम से हैं।
कलेक्टर की जांच रिपोर्ट पर पंचायतीराज विभाग का फैसला
इसी प्रकार अभय ने भारत उच्च माध्यमिक विद्यालय नयापुरा कोटा से जारी स्थानान्तरण प्रमाण पत्र कक्षा नौ से पूर्व संत विनोबा भावे विद्या निकेतन विद्यालय से वर्ष १९९०-९१ में कक्षा आठ उतीर्ण करना अंकित था, लेकिन वर्ष १९९०-९१ में संत विनोबा विद्या निकेतन स्कूल अस्तित्व में नहीं होना बताया। इन आरोपों की प्रशासनिक तथा पुलिस जांच में पुष्टि हुई है।
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