खनिज विभाग कर्मचारियों की कमी बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ता नजर आ रहा है। विभाग पर खनिज माफियाओं की ओर से किए गए हमले के बाद एक नाका भी विभाग ने बंद कर दिया। इसके बाद विभाग ने कभी भी ऐसे खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का साहस नहीं दिखाया है।
बनास नदी से बजरी भरकर लाने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली शहर में शिकारगंज पहुंचते हैं। हर रोज यहां बड़ी संख्या में पहुंचने वाले ट्रैक्टर संचालक यहां लोगों से मोल-भाव करते हैं। कमी के चलते बजरी महंगे दामों पर बेची जा रही है। कई लोगों ने यहां पुलिस और विभाग को ठेंगा दिखाते हुए बजरी का स्टॉक भी कर रखा है।
कुछ दिन पहले जिले के दौरे पर आए जिला प्रभारी सचिव राजेश यादव ने निर्देश दिए कि जिले में हो रहे अवैध बजरी खनन की संयुक्त जांच कर कार्रवाई की जाए। यादव ने बजरी परिवहन के लिए व्यावसायिक उपयोग में लिए जा रहे वाहनों का परिवहन विभाग से रजिस्ट्रेशन कराने की बात भी कही है। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का रजिस्ट्रेशन नहीं है उन्हें जब्त कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए, लेकिन अभी तक विभाग नहीं चेता है।
बनास नदी से बजरी भरकर लाने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली ट्रक एवं डम्पर आदि वाहन कुडग़ांव थाना, गदका की चौकी, करौली कोतवाली, हिण्डौन सिटी कोतवाली, सूरौठ व महूइब्राहिमपुर पुलिस चौकी के सामने से निकलते हैं। यह वाहन यहां से पुलिस, परिवहन एवं खनिज विभाग की नजर के सामने से निकलते हैं, लेकिन इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से यह बेधड़क शहर में पहुंच जाते हैं।