कोरोना संकट काल में कुछ इस तरह की पीड़ा से गुजर रहे हैं करौली के उपखण्ड अधिकारी देवेन्द्र सिंह परमार। इन दिनों दिन-रात उनको 16 घंटे तक की ड्यूटी करनी पड़ रही है। बीते साल जनवरी में उनके पुत्र का जन्म हुआ। उस दौरान पहले पंचायत चुनाव तथा इसके बाद कोरोना की जिम्मेदारियों में ऐसे उलझे कि पुत्र स्पर्श का सुख भी पांच माह बाद मिल सका। अब दूसरी लहर में दो माह से फिर परिवार के साथ सुकून से बैठने का वक्त नहीं मिल रहा है। ऐसे में नन्हे बच्चे के साथ अठखेली करने के लिए मन मसोस रह जाते हैं।
आरएएस बनने के पीछे उनकी मंशा जनसेवा के साथ सुखद जीवन जीने की भी रही लेकिन सर्विस के शुरू के तीन वर्ष तो चुनाव की व्यस्तता और कोरोना महामारी के संघर्ष के बीच गुजरे हैं। अभी दो माह से दिन-रात कोरोना से लड़ाई का मोर्चा संभालना पड़ रहा है। सुबह साढ़े 5 बजे जागने से लेकर रात 11 बजे तक भी चैन नहीं मिलता। कोरोना गाइडलाइन की पालना हो चाहे शिकवे-शिकायतों का निस्तारण या फिर चिकित्सालय में संसाधनों की व्यवस्था या वरिष्ठ अफसरों की समीक्षा बैठक या मंत्री-विधायकों के दौरों में उनके साथ रहने की मजबूरी। यह क्रम सुबह 6 बजे से शुरू होकर दिन भर चलता है। जल्दबाजी में स्नान करके खाना खाकर ऑफिस पहुंचते हैं तो वहां भी बैठकों और कोरोना की व्यवस्थाओं में ऐसे व्यस्त हो जाते हैं कि परिवार से बात करने या चाय पीने तक की फुर्सत नहीं मिलती।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वर्ष 2017 के बैच से निकले 31 वर्षीय देवेन्द्र सिंह पड़ोस में धौलपुर जिले के सरमथुरा क्षेत्र के काफी पिछड़े गांव मोरिपुरा के निवासी हैं। माता-पिता बाड़ी में रहते हैं लेकिन व्यस्त जीवन में उनके पास जाने का समय नहीं मिलने का उनको मलाल है। बकौल देवेन्द्र परमार इन दिनों विभिन्न तरह के प्रबंधन के साथ शिकवे-शिकायतें काफी आती है। ऐसे में घर जाने की फुर्सत ही नहीं। फिलहाल ऑक्सीजन का बेहतर प्रबंधन करके लोगों का जीवन बचाना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
परमार कहते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक है। पहली लहर में कोई भूखा ना सोए यह उद्देश्य था। दूसरी लहर में हमारी प्राथमिकता लोगों का जीवन बचाना है। इसके लिए चिकित्सा संसाधनों पर पूरा ध्यान केन्द्रित कर रखा है। ऑक्सीजन हो चाहे अन्य संसाधन, हम जहां भी जैसे भी मिल रहे हैं, उन्हें जुटा रहे हैं। इस बार कोरोना संक्रमण की गति तेज और जोखिम भरी है फिर भी पता नहीं क्यूं लोग बेपरवाह हुए है।