scriptराजस्थान में कांग्रेस की सरकार के सौ दिन बीते रीते,विकास के प्रोजेक्टों को नहीं लगे पंख | Hundred days of the Congress government in Rajasthan, the wings of th | Patrika News

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के सौ दिन बीते रीते,विकास के प्रोजेक्टों को नहीं लगे पंख

locationकरौलीPublished: Apr 10, 2019 07:34:03 pm

Submitted by:

vinod sharma

Hundred days of the Congress government in Rajasthan, the wings of the development project did not

Hundred days of the Congress government in Rajasthan, the wings of th

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के सौ दिन बीते रीते,विकास के प्रोजेक्टों को नहीं लगे पंख


करौली. जिले को विकास के पथ पर दौड़ाने के लिए शुरू किए गए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट नई सरकार के शासन काल में अधूरे पड़े है। जिससे सरकार के सौ दिन करौली में रीते ही निकल गए। हालांकि कांग्रेस जिलाध्यक्ष का कहना है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण काम शुरू नहीं हुए। चुनाव के बाद तेज गति से विकास कराए जाएंगे। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों ने विकास के अधूरे प्रोजेक्टों को पूरा कराने का दावा किया था। राज्य में कांग्रेस की नई सरकार बन गई। लेकिन विकास कार्य के प्रोजेक्टों को गति नहीं मिल पाई है।
सात साल से अधूरा है खेल संकुल
राजस्थान की खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए वर्ष २०१२- 2013 में कांग्रेस की सरकार ने राजीव गांधी खेल संकुल का उद्घाटन किया। इसके निर्माणपर ६९१ करोड़ रुपए व्यय होने थे। खेल संकुल का निर्माण २०१५ तक पूरा होना था। आरोप है कि राज्य में भाजपा की सरकार ने खेल संकुल के निर्माण पर ध्यान नहीं दिया, जिससे निर्माण अधूरा पड़ा है। अब राज्य में फिर से कांग्रेस की सरकाई बन गई, जिससे उम्मीद थी कि खेल संकुल का निर्माण पूरा होगा, नहीं हुआ।
पॉलोटेक्निक और इंजीयिरिंग कॉलेज के भवन भी नहीं बने
जिला मुख्यालय पर तकनीकी शिक्षा के लिए पॉलोटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू कर दिए है। लेकिन ये भवन अभाव में दूसरे जिलों की कॉलेजों में संचालित है। पॉलोटेक्निक कॉलेज का भवन पांच साल से अधूरा पड़ा है, जिससे यह कॉलेज अलवर में चलता है। इसी प्रकार इंजीनियरिंग कॉलेज भवन के लिए तीन करोड़ रुपए मंजूर हुए। सरकार इसके लिए भूमि आवंटित करके भवन नहीं बना पाई है। इससे इंजीनियरिंग कॉलेज भरतपुर में चलता है। करौली के विद्यार्थियों को अलवर-भरतपुर में जाकर अध्ययन करना पड़ता है।
स्टोन मार्ट पर नहीं दिया ध्यान
करौली जिले के अधिकतर लोगों का रोजगार खनन पर आधारित है. सरकार ने खनन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिएवर्ष 2011-2012 के बजट में ५७ करोड़ रुपएकी लागत से स्टोन पार्क शुरू किया। इसके लिए ४५० बीघा जमीन का आवंटन कर दिया। अभी तक मात्र तीन करोड़ रुपएही निर्माण के लिए मिला है। बजट के अभाव में स्टोन मार्ट का काम रेंग रहा है। इसी प्रकार करौली व सवाईमाधोपुर जिले के किसानों को पांचना पानी उपलब्ध कराने के लिएगुडला-लिफ्ट सिंचाई परियोजना एक दशक से रेंग रही है। बजट उपलब्ध होने के बाद भी अधिकारी इसका कार्य पूरा नहीं करा पा रहे हैं।
रेल के लिए भी नहीं लिखा पत्र
गंगापुर सिटी, करौली, धौलपुर रेल परियोजना कांग्रेस सरकार के शासन काल में स्वीकृत हुई थी, जिससे भाजपा सरकार के शासनकाल में बंद करा दिया गया। इस कार्य को चालू कराने की मांग को लेकर धरने-प्रदर्शन भी हुए थे। कांग्रेस नेता दावे करते रहे कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस कार्य को चालू कराया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मुद्दे को उठाया था। लेकिन अभी तक इस कार्य को चालू नहीं कराया गया है।
आचार संहिता की वजह से देरी
सरकार ने किसानों की ऋण माफी की है। इसके अलावा विकास के कार्य लोकसभा चुनाव में आचार संहिता लगने की वजह से शुरू नहीं हो पाए। चुनाव के बाद तेज गति से विकास होगा।
ओमप्रकाश मामू जिलाध्यक्ष कांग्रेस
विकास ठप कर दिए
राज्य सरकार ने करौली जिले के हित में तीन माह में कुछ नहीं किया। बल्कि जो विकास कार्य चल रहे थे वो भी ठप कर दिए हैं। इस कारण आमजन को परेशानी हो रही है
हेमेन्द्र वशिष्ठ जिलाध्यक्ष भाजपा
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो