अपर लोक अभियोजक खेमसिंह गुर्जर ने बताया कि कैलादेवी थाना क्षेत्र के गांव लोहर्रा निवासी मंगूखां तेली ने 20 अक्टूबर 2015 को टोडाभीम थाने में पुत्री गुड्डी की ससुराल जनों द्वारा दहेज की मांग के चलते पीट कर हत्या करने की प्राथमिकी कराई थी। इससे में दामाद लतीफ खां, ससुर बाबू खां, सास शहीदन व दो देवरों को नामजद किया था। प्राथमिकी में बताया कि उसने अपनी पुत्री गुड्डी का निकाह मोरड़ा जहानगर निवासी बाबू खां तेली के लतीफ से किया था। हेसियत के अनुसार नकदी व सामान देने के बाद भी सास, ससुर व पति गड्ड़ी को दहेज लाने के लिए प्रताडित करने लगे। इसके चलते उसके घर से भी निकाल दिया था।
पीहर पक्ष के पंच-पटेलों ने समझाइश कर गुड्ड़ी को ससुराल भेज दिया। इसके बावजूद प्रताडऩा का दौर थमा नहीं और 19 अक्टूबर को मारपीट में गंभीर घायल होने से उसकी मौत हो गई। सूचना पर वह बेटी की ससुराल पहुंच को उसक शव कमरे में मिला। बाद में टोडाभीम राजकीय चिकित्सालय में पोस्टर्माटम करवाया गया। मामले में पुलिस ने 22 अक्टूबर को सास शहीदन व 22 नवम्बर को पति लतीफ को गिरफ्तार कर लिया।
अनुसंधान के बाद पुलिस ने शहीदन व लतीफ के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 34 गवाहों के बयान पंजीबद्ध हुए। साथ ही करीब आधा दर्जन साक्ष्य प्रादर्श किए गए। गबाह और साक्ष्यों आधार पर दहेज हत्या का दोष साबित होने पर अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश विकास सिंह चौधरी ने मां-बेटे को दहेज के लिए प्रताडि़त करने के मामले में 3 वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार रुपए का अर्थ दण्ड तथा दहेज की मांग के चलते हत्या करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।