भगवान महावीर की आस्था से जुड़ी गंभीर नदी में अवैध बजरी खनन से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से क्षेत्रीय लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। बजरी खनन से नदी के पेटे में गहरे गड्ढ़े बने गए हैं। पांचना बांध से पानी छोड़े जाने पर गंभीर नदी में 4 वर्षों में कई जनहानि की घटनाएं हो चुकी हैं।
पांचना से निकल रही गंभीर नदी में रास्ते के गांंवों में भी जन हादसे होते हैं। लेकिन श्रीमहावीरजी थाना क्षेत्र में गंभीर नदी में मौत के आंकड़े पीडि़त परिवारों को दर्द दे रहे हैं। हादसे के बाद पीडि़त परिवार और गांव के लोग नदी पर आने में एकबारगी ठिठकते हैं, लेकिन बजरी माफि या अवैध खनन की गंभीर के पेटे में मौत के गड्ढ़े खोदने से नहीं रुक रहे हैं।
गंभीर नदी में किनारे से पेटे में कदम बढ़ाते ही आदमी गहरे गड्ढ़े गिर जाती है। ऊपर पानी से ऊपर आने के लिए हाथ-पर मारने पर गड्ढ़े में बजरी ढह जाती है। और व्यक्ति गड्ढ़े में ही दब जाते हैं। कमोबेश गंभीर में डूबने के घटनाएं गड्ढ़ों में गिरने से हुई है। लोगों का कहना है जल प्रवाह के समय गड्ढ़ोंं का पता नहीं चलने से लोग नहाने आने बढ़ जाते हैं और चंद कदम बढ़ाते ही काल के मुंह में समा जाते हैं।
वर्ष—————— मौत
2016 ——————3
2017 —————–2
2018 —————-0 (नदी सूखी)
2019 —————-3 संकेतक लगवाते हैं
मेले के समय गंभीर नदी में पानी छोड़े जाने पर गहरे पानी और प्रवाह के संकेतक बोर्ड लगाए जाते हैं। लोगों को नदी में नहीं जाने की चेतावनी भी दी जाती है।
-देवेंद्र शर्मा थाना प्रभारी श्रीमहावीरजी.