करौली

बेलगाम चल रहा है बजरी का अवैध खनन, रात में दौड़ते हैं बजरी से भरे वाहन

बेलगाम चल रहा है बजरी का अवैध खनन, रात में दौड़ते हैं बजरी से भरे वाहनकरौली जिले में पुलिस-प्रशासन का पूरा ध्यान जब कोरोना महामारी की ओर है तब सपोटरा क्षेत्र के जीरोता इलाके में बजरी खनन माफिया सक्रिय है। इन दिनों में करौली जिले में सपोटरा क्षेत्र के कांठड़ा और सवाई माधोपुर क्षेत्र के श्यामोली बनास क्षेत्र से बड़े पैमाने पर बजरी का अवैध खनन करके रोजाना सैंकड़ों ट्रॉली बजरी का परिवहन किया जा रहा है। आरोप है कि पुलिस, प्रशासन और खनिज विभाग के अधिकारी बजरी के अवैध खनन से आंखें मूंदे हैं।

करौलीJun 03, 2020 / 08:26 pm

Surendra

बेलगाम चल रहा है बजरी का अवैध खनन, रात में दौड़ते हैं बजरी से भरे वाहन

बेलगाम चल रहा है बजरी का अवैध खनन, रात में दौड़ते हैं बजरी से भरे वाहन
जिम्मेदार विभाग हैं खामोश
करौली जिले में पुलिस-प्रशासन का पूरा ध्यान जब कोरोना महामारी की ओर है तब सपोटरा क्षेत्र के जीरोता इलाके में बजरी खनन माफिया सक्रिय है। इन दिनों में करौली जिले में सपोटरा क्षेत्र के कांठड़ा और सवाई माधोपुर क्षेत्र के श्यामोली बनास क्षेत्र से बड़े पैमाने पर बजरी का अवैध खनन करके रोजाना सैंकड़ों ट्रॉली बजरी का परिवहन किया जा रहा है। आरोप है कि सवाई माधोपुरऔर करौली जिले के पुलिस, प्रशासन और खनिज विभाग के अधिकारी बजरी के अवैध खनन की ओर से आंखें मूंदे हैं। इसे मिली भगत कहें या अनदेखी लेकिन इन दिनों सड़कों पर अवैध बजरी से भरे वाहन सरपट दौड़ रहे हैं।
बनी हैं चौकी, लगे हैं कैमरे
सपोटरा क्षेत्र में डांगड़ा मोड़, हाडौती पुल के पास, पवारपुरा(बड़पीपड़),फतेपुर मोड़, गढ़ीगांव स्कूल, बड़ौदा मोड़, रूपपुरा चोच के महादेवी जी पर, हाडौती गांव की मैन चोकी ,नारौली डांग मांढ़ा मोड़ पर खनिज विभाग की चौकियां स्थापित है। मुख्य स्थानों पर कैमरे भी लगे हैं। लेकिन फिर भी सपोटरा क्षेत्र की सड़कों पर रोजाना बजरी से ओवर लोड सैकड़ों वाहन निकलते रहते हैं।
इन चौकियों के अलावा कुशालसिंह तिराहे पर, एकट गांव, और खूबपुरा स्कूल में
भी पहले चौकियां लगाई गई थी। इन तीन चौकियों से अवैध बजरी परिवहन पर काफी अंकुश लगा था। लेकिन इनको हटा देने के बाद से अब अवैध बजरी खनन का परिवहन बढ़ गया है।
रात में गलियारों से निकलते हैं वाहन
बजरी के ओवरलोड वाहनों से इलाके की सड़के क्षतिग्रस्त हो रही हैं। इनसे अन्य वाहन को हिचकोले खाने पड़ रहे हैं। इन वाहनों ने बजरी के परिवहन के लिए अनेक गलियारे निकाले हुए हैं।
इन दिनों ट्रेक्टर चालक श्यामोली, बीलोली, और कांठड़ा से बजरी भरकर गुप्त रास्तों से होते हुए सांकड़ा से रूपपुरा गांव होकर एकट के रास्ते से निकलते हैं। दूसरा रास्ता सांंकड़ा से एकट झौंपड़ी होते हुए एकट स्कूल के पास से तथा तीसरा रास्ता सांकड़ा से मौरेल नदी से बड़ौदा गांव में होकर निमोदा सड़क मार्ग का है। बजरी माफिया सपोटरा के गुप्त रास्तों से बजरी को बेचने बलुआपुरा, कुडग़ांव, गंगापुर सिटी की ओर अधिक संख्या में जाते हैं। जहां से बजरी की ट्रॉलियां गुजरती हैं। उन जगहों पर आरएसी और पुलिस की लगभग 8 से 9 चौकियां लगी हुई है। इनके आसपास से होकर बजरी की ट्रालियां गुजरती है। बजरी का परिवहन रात में १० बजे से तड़के तक चलता है। लेकिन इनपर कार्यवाही नहीं होती है। बजरी के अवैध खनन से राजस्व को भारी मात्रा में नुकसान के साथ प्राकृतिक संपदा नष्ट हो रही है। ग्रामीणों का आरोप है। यह सब मिलीभगत का खेल चल रहा है।
ये कहते अधिकारी
खनिज अभिंयता धर्मसिंह मीना का कहना है कि हम बजरी के अवैध खनन पर कार्यवाही कर रहे हैं। जल्द ही सपोटरा क्षेत्र में कार्यवाही कर बजरी के वाहनों पर अंकुश लगाया जाएगा। सपोटरा के थानाधिकारी हरजीलाल यादव का कहना है कि हमारा जाप्ता नारौली डांग लगा रखा है। हमारे पास जो भी संसाधन है उसके अनुसार हम कार्यवाही कर रहे हैं। अभी हमने चार ट्रेक्टर-ट्रॉली जब्त भी किए थे।
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