राजस्थान के करौली में यै कैसा भयमुक्त चुनाव होगा, चुनाव के लिए वे व्यापारी तथा लोग भी पाबंद जिनके खिलाफ एक भी मुकदमा दर्ज नहीं
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राजस्थान के करौली में यै कैसा भयमुक्त चुनाव होगा, चुनाव के लिए वे व्यापारी तथा लोग भी पाबंद जिनके खिलाफ एक भी मुकदमा दर्ज नहीं
करौली. भारत निर्वाचन आयोग विधानसभा चुनाव को भय मुक्त कर शत प्रतिशत की योजना में लगा हुआ है, लेकिन करौली में उसी के अधिकारियों ने शहर के उन व्यापारियों व सामाजिक लोगों को पाबंद कर दिया है। जिनके खिलाफ किसी भी प्रकार का मामला दर्ज नहीं है। इससे निर्वाचन विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद रिटर्निंग अधिकारियों ने पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर असामाजिक तत्वों को पाबंद करना शुरू किया है। मापदण्ड़ों के अनुसार उन असामाजिक तत्वों को पाबंद किया जाना था। जिन्होंने गत चुनाव में अशांति की या उनका रिकॉर्ड खराब है। लेकिन पुलिस ने भी मनमाने तरीके से रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर निर्वाचन विभाग ने करौली शहर में पांच सौं से अधिक लोगों को असामाजिक मान पांबद किया है। जिनमें से अधिकतर के खिलाफ किसी भी प्रकार का कोई मामला थानों में दर्ज नहीं है।
अग्रवाल समाज के उपाध्यक्ष व ट्रस्टी पाबंद
रिटर्निंग अधिकारी ने करौली अग्रवाल समाज के उपाध्यक्ष, गोविन्द देवी मंदिर ट्रस्टी गोविन्द तमखेरा को पाबंदी का नोटिस थमा दिया है। नोटिस मिलते ही अग्रवाल समाज के लोगों में रोष है। तमखेरा ने बताया कि वे हमेशा पुलिस-प्रशासन का सहयोग करते हैं तथा मतदान का प्रतिशत बढ़ाने में सहयोग करते हैं। उनके खिलाफ शांति भंग की आशंका का मामला भी दर्ज नहीं है। तमखेरा ने बताया कि रिटर्निंग अधिकारी के पास इसकी शिकायत दर्ज कराई. लेकिन कोई सुनने वाला ही नहीं है। अब न्यायालय की शरण ली है। उनकी मानहानी भी हुई है।
मतदान प्रतिशत गिरेगा
भूड़ारा बाजार निवासी तेजप्रकाश गर्ग ने बताया कि वे किसी भी विवाद में नहीं है, हमेशा वोट डलवाने में लोगों का सहयोग करते हैं। इसके बाद भी उन्हें पाबंद करना समझ में नहीं आ रहा है। शहर में सैकड़ों की संख्या में उन लोगों को पांबद किया है, जिन्होंने अशांति नहीं फैलाई है। निर्वाचन विभाग की इस कार्रवाई से मतदान का प्रतिशत गिरेगा।
सुप्रिम कोर्ट तक जाएंगे
खाद-बीज बिक्रेता हेमराज धाबाई का कहना है कि किसी के इशारे पर उन्हें पाबंद कराया गया है। इसके खिलाफ न्यायालय की शरण ली है। आवश्यकता पड़ी तो रिटर्निंग अधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ सुप्रिम कोर्ट तक जाएंगे। उन्होंने बताया कि पुलिस-प्रशासन के अधिकारी जानबूझकर व्यापारियों को परेशान करने के लिए पांबद कर रहे हैं।
भय का माहौल बना है
व्यापारी प्रेम टैंट हाउस वाले का कहना है कि एक तरफ निर्वाचन आयोग भय मुक्त चुनाव का दावा कर रहा है। लेकिन अधिकारी नियमों की अवेहलना कर प्रतिष्ठित लोगों को पाबंद करने में लग गया है। इससे करौली शहर में भय का माहौल हो गया है। निश्चित रूप से मतदान का प्रतिशत गिरेगा।
पुलिस की रिपोर्ट पर पाबंद
जिन लोगों से मतदान व्यवस्था खराब होने की आशंका है, उन्हें पाबंद किया है। पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर ही यह कार्रवाई की गई है।
जगदीश प्रसाद गौड उपखण्ड अधिकारी करौली
कोई कारण तो होगा
पुलिस ने किसी कारणवश से इनके खिलाफ रिपोर्ट दी है। सही स्थिति रिपोर्ट देखने के बाद ही पता चलेगा।
संपतराम पुलिस उपाध्यक्ष करौली
नाबालिग को किया पाबंद
नानपुर. चुनाव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए समाजकंटकों व गड़बड़ी फैलाने वाले लोगों को पाबंद किया जा रहा है। इसमें लोगों ने प्रशासन पर नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए विरोध जताया है। सपोटरा तहसीलदार बुद्धिप्रकाश मीना के समक्ष विरोध जताया। नानपुर पंचायत के ऋषिकेश मीना व बबलू मीना ने डंगरिया निवासी एक नाबालिक बालक को भी पाबंद करने का आरोप लगाया है।जबकि नियमानुसार किसी को पाबंद करने के लिए उसकी उम्र १८ वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। चुनाव के लिए करणपुर थाना क्षेत्र के 300 से अधिक लोगों को पाबंद किया गया है। इस दौरान भाजपा के मण्डल अध्यक्ष रूपचंद मित्तल नानपुर पंचायत सरपंच पति रामनाथ पटेल सहित कई लोग मौजूद रहे।