scriptभीड़ में कोरोना गाइड लाइन की पालना बनी मजाक | In the crowd, the corona guide line's cradle became a joke | Patrika News

भीड़ में कोरोना गाइड लाइन की पालना बनी मजाक

locationकरौलीPublished: Apr 22, 2021 05:48:03 pm

Submitted by:

Surendra

भीड़ में कोरोना गाइड लाइन की पालना बनी मजाक
सावों के कारण दिनभर बाजार में रही रेलमपेल
करौली। कोरोना संक्रमण के दौर के बीच गुरुवार को भी बाजार में अनियंत्रित भीड़ के आगे कोरोना गाइड लाइन की पालना को लेकर दी जा रही हिदायतें मजाक बनकर रह गई। पिछले दिनों की तरह न लोगों की बेपरवाही में कमी आई और न प्रशासन की ओर सख्ती भरे तेवर दिखे। शहर में परकोटे भीतर बाजार सहित गली-मोहल्लों में दिनभर भीड़ भरे माहौल के चलते कोरोना संक्रमण फैलाव के हालात बने रहे।

भीड़ में कोरोना गाइड लाइन की पालना बनी मजाक

भीड़ में कोरोना गाइड लाइन की पालना बनी मजाक

भीड़ में कोरोना गाइड लाइन की पालना बनी मजाक

सावों के कारण दिनभर बाजार में रही रेलमपेल

प्रशासन के बाजार में आते ही मचता शोर, दुकानें हो जाती बंद

करौली। कोरोना संक्रमण के दौर के बीच गुरुवार को भी बाजार में अनियंत्रित भीड़ के आगे कोरोना गाइड लाइन की पालना को लेकर दी जा रही हिदायतें मजाक बनकर रह गई। पिछले दिनों की तरह न लोगों की बेपरवाही में कमी आई और न प्रशासन की ओर सख्ती भरे तेवर दिखे। शहर में परकोटे भीतर बाजार सहित गली-मोहल्लों में दिनभर भीड़ भरे माहौल के चलते कोरोना संक्रमण फैलाव के हालात बने रहे। ऐसे में सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार
प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास बेअसर ही साबित हुए हैं।
असल में आगामी दिनों में विवाह आयोजनों की अधिकता होने से बाजार में खरीद का माहौल बना हुआ है। देहाती क्षेत्रों से काफी संख्या में लोग खरीद करने को रोज आ रहे हैं। इस कारण दुकानदार भी अपना धंधा करने का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। सावों के कारण सुबह से शाम तक बाजार में हर प्रकार की खरीद के लिए भीड़ बनी रहती है।
ऐसे चल रही हैं दुकानें

प्रशासन ने चाहें केवल जरूरी वस्तुओं के अलावा अन्य दुकानों को बंद रखने के आदेश दे रखे हों फिर भी सुबह से ही बाजार में सभी प्रकार की दुकानों पर दुकानदार और ग्राहकों की भीड़ जमा हो जाती है। करौली परकोटे के भीतर संकरे रास्तों में यह भीड़ सीधे तौर पर संक्रमण को बढ़ावा देने का खतरा बनी हुई है। इसके बावजूद न दुकानदार अपने विजनेस का मोह छोड़ रहे हैं और न लोग खरीद करने से परहेज कर रहे। प्रशासन की ओर से बाजार में दुकान नहीं खोलने देने की स्थिति में अनेक दुकानदार तो घरों और गोदाम से अपनी दुकानदारी चला रहे हैं तो अनेक दुकान की शटर को बंद करके भीतर बैठ व्यवसाय करते हैं। बाहर एक सदस्य ग्राहकों को बुलाता रहता है और प्रशासन की टीम आने की चौकसी भी करता है। प्रशासन का दल बाजार में आते ही सब सतर्क हो जाते हैं और दुकानें बंद कर दी जाती है। इस तरह की स्थिति में सरकार की कोविड गाइड लाइन की पालना नहीं हो पा रही है।
क्वालिटी की परख न मोलभाव

चोरी-छुपे दुकानों को संचालित किए जाने और गोदाम व घरों से विजनेस करने की स्थिति में ग्राहकों से मनमाने दाम भी वसूले जा रहे हैं। ऐसे माहौल में ग्राहक भी न सामान की क्वालिटी की जांच कर पा रहे हैं और न मोल भाव कर रहे। जो सामान जैसा भी जिस भाव में मिल रहा है उसको खरीदा जा रहा है।
गलियों में निकलना हुआ मुश्किल

प्रशासन ने चाहें सरकार से मिले दिशा निर्देश के अनुसार आवश्यक सामान की दुकानों को डेढ़ बजे तक खोले रखने की अनुमति दी हुई है लेकिन हकीकत में सभी दुकानें चोरी छुपे शाम तक संचालित हो रही हैं। गुरुवार को तो प्रशासन ने शादी- विवाह सीजन को देखते हुए ज्वैलरी, दर्जी, रेडिमेड बस्त्र, फर्नीचर, इलॉक्ट्रानिक आइटम की दुकानें भी 3 घंटे के लिए खोलने की छूट दे दी। इससे बाजार में दिनभर भीड़ की स्थिति बनी रही। विशेष तौर पर सीताबाड़ी, चौधरी पाड़ा और बजाजे की गली में भीड़ के बीच से निकलना मुश्किल हो गया।
प्रशासन खामोश

बाजार में प्रशासन के आदेश के विपरीत विभिन्न प्रकार की दुकानें सुबह से शाम तक चोरी-छुपे खुलने, कोरोना गाइड लाइन की अवहेलना किए जाने, घरों व गोदामों से दुकान संचालित होने की लगातार शिकायतों पर प्रशासन खामोश है। प्रशासन को सूझ नहीं रहा कि ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कैसे कार्रवाई की जाए। हालांकि अब संकेत दिए गए हैं कि आकस्मिक तौर पर बिना पहचान के दबिश देने की कार्रवाई की जाएगी।

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