मैं 21 अगस्त 2015 को नगर परिषद का सभापति बना था। प्रदेश में विपक्षी दल की सरकार द्वारा नगरीय निकाय की बदली चुनाव प्रक्रिया निविरोध सभापति निर्वाचित हुआ। एक दशक बाद कांग्रेस को बोर्ड में काबिज हुई। 45 वार्डों की नगर परिषद बोर्ड में अधिकांश पार्षदों के युवा होने से सभी के सहयोग से नर्ई सोच और युवा जोश के शहर के विकास को गति दी। अमृत योजना व सीवरेज कार्य के अलावा पांच वर्ष में 70 करोड़ रुपए के विकास कार्य कराए। अब तक सडक़ व नाली निर्माण में तक सीमित विकास कार्य को नए आयाम दिए। नगरीय विकास के मानकों के अनुरूप पहलु को छूते हुए शहर के विकास को चहुमुंखी गति दी। पूर्ववर्ती भाजपा के बोर्ड सें विरासत में मिली अल्प कोष की परिषद को समृद्ध किया।
सभापति की कुर्सी संभालने के दौरान प्रदेश में विपक्षी दल की सरकार काबिज थी। राजनीतिक द्वेषता के चलते सरकार से अपेक्षकृत सहयोग नहीं नहीं मिला। बोर्ड का तीन वर्ष कार्यकाल ऐसी ही हालात में बीता। ऐेसे में विकास कार्यों को सुचारू रखने लिए परिषद के निजी आय के स्त्रोत विकसित किए। शहर में आवासीय व व्यवसायिक भूखण्डों व भवनों के पट्टे जारीकर 38 करोड रुपए की आय की। बाद में प्रदेश में स्वयं दल कांग्रेस के सत्तारूढ़ होने पर आशानुकूल सहयोग मिला और दो वर्ष तक खूब विकास कार्य हुए। कार्यकाल पूरा होने पर आगामी सभापति के लिए कर्ज की बजाय करीब पांच करोड़ रुपए के कोष से समृद्ध परिषद विरासत में छोड़ी है।
सभापति बनने के समय शहर में एक मात्र राष्ट्रीय पार्क में ही हरियाली थी। करीब 57 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में बसे शहर के लोगों को स्वच्छ प्राणवायु और सेहतमंद रहने के लिए 11 नए पार्कों का निर्माण कराया गया। वॉकिंग ट्रेक व व्यायाम उपकरणों शुदा हरियाली युक्त पार्क ओपन जिम की तरह हैं। जहां सुबह शाम घूमने वालों की भीड़ रहती है। पार्कों के बच्चों के खेलने के लिए झूले व फिसलपट्टी लगवाकर चार दशक पहले के नेहरू बालोद्यान की झलक हर पार्क में साकार की है।
शहर में सडक़ों का निर्माण अधिकाधिक जनआवाजाही को देखते हुए करवाया। पार्षदों की सिफारिस पर गलियों में निर्माण की बजाय प्रमुख मार्गों की सडक़ों के निर्माण पर जोर दिया। ताकि वार्ड विशेष की अपेक्षा शहर के सभी नागरिकों का आवागमन सुगम हो सके। शहर में 64 किलोमीटर लम्बी सडक़ों को निर्माण किया गया है। विभिन्न स्थानों पर 12 सामुदायिक भवन व 11 सार्वजनिक शौचालय बनवा लोगों के सुलभ सुविधाएं मुहैया कराई है।
प्रमुख चौराहों का निर्माण करा व महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित कराने के अन्य सुविधाएं सृजित कर महानगरीय लुक दिया गया है। चौपड़ सर्किल स्थापित म्युजिकल रंगीन वाटर फाउंटेन मुख्य आकर्षण है। पांच सर्किलों का निर्माण कराने के साथ शहर में विज्ञापनों के लिए 40 से अधिक स्थानों पर ऊंचे यूृनिपोल, डिवाइटर एड टॉवर स्थापित किए हैं। वहीं प्रमुख मार्गों पर छायादार व कुर्सीयुक्त 9 यात्री शेल्टर बनवाए गए। इसके अलावा 400 स्ट्रीट लाइटों को बढ़ा कर 8500 कर शहर की गली-गली को रोशन किया। हाईमास्ट लाइटों की संख्या 6 से बढ़ा कर 32 कर चौराहों के दुधिया रोशनी से जगमग किया।
शहर में कुल190 किलोमीटर लम्बी सडक़ें हैं। फिलहाल 64 किलोमीटर ही नई सडक़़ों का निर्माण हो सका है। सीवरेज व पानी की पाइप लाइन डालने से क्षतिग्रस्त हुई सभी सडक़ों का निर्माण हो,तोकि शहर के हर व्यक्ति को सुगमन आवागमन की सुविधा मिल सके। शीतला चौहरा, भट्टा कॉलोनी , डेम्परोड़ बाजार, कटरा बाजार में जल भराव की समस्या के लिए वाटर लिफ्टिंग सिस्टम लगे। साथ ही खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए खेल स्टेडियम का निर्माण कराने की जरुरत है।
(जैसा नगर परिषद के पूर्व सभापति अरविंद जैन ने पत्रिका संवाददाता को बताया )