केन्द्र सरकार ने गत दिनों विकास के मामले में पिछड़े जिलों को मुख्यधारा से जोडऩे के लिए देश के ११५ जिलों को पिछड़ा जिला घोषित किया था। इसमें प्रदेश के करौली के अलावा बांरा, बाडमेर, जैसलमेर, धौलपुर तथा सिरोही जिला शामिल है। इन जिलों में विशेष कार्य योजना तैयार कर विकास कार्य किए जाएंगे।
योजना के अनुसार पिछड़ा जिला घोषित होने पर शिक्षा, स्वास्थ्य,कृषि तथा वित्तीय समावेशन पर विशेष कार्य किए जाएंगे। गांव-गांव में वित्तीय समावेशन के तहत ग्रामीणों को कैशलेश करने के प्रयास किए जाएंगे, एटीएम तथा मिनी बैंक खोली जाएंगी। इसके अलावा मातृ-शिशु दर को कम, संस्थागत प्रसव व अच्छे स्तर की चिकित्सा
सुविधा क्षेत्रीय स्तर पर उपलब्ध कराई जाएगी। परिवार नियोजन कार्य भी प्रमुखता से होगा। गांवों में आदर्श व उत्कृष्ट स्कूलों में सुविधा, बालिका शिक्षा के विकास तथा युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा दिलाई जाएगी। जिससे पिछड़े जिले में बेरोजगारी पर अंकुश लग सकेगा।
”केन्द्र सरकार ने करौली को पिछड़ा जिला घोषित किया है। स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि पर प्लान के अनुसार काम किया जाएगा। प्लान नीति आयोग को देंगे। जिले को इसका विशेष लाभ मिलेगा।’
— अभिमन्यु कुमार, जिला कलक्टर करौली