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बेकसूर चार मासूम बच्चों को माता-पिता से होना पड़ा जुदा

locationकरौलीPublished: Oct 29, 2020 07:51:15 pm

Submitted by:

Surendra

बेकसूर चार मासूम बच्चों को माता-पिता से होना पड़ा जुदाकलेक्ट्रेट में परिवार सहित दिया धरना, बांधी भैंस तो माता-पिता गए जेलबच्चों को भेजा बाल संप्रेषण गृह
भूमि विवाद में त्रस्त होकर आया था परिवार गुहार लगानेकरौली। उन चार मासूम बच्चों का कोई कसूर नहीं है, फिर भी उनको गुरुवार शाम को माता-पिता से जुदा होना पड़ गया। यह नौबत इन बच्चों के माता-पिता व दादी को शांति भंग के आरोप में जेल भेजने के बाद आई। तुलसीपुरा भूमि विवाद के मामले में युवक का परिवार, मवेशी लेकर कलेक्ट्रेट पर आना उसे भारी पड़ गया।

बेकसूर चार मासूम बच्चों को माता-पिता से होना पड़ा जुदा

बेकसूर चार मासूम बच्चों को माता-पिता से होना पड़ा जुदा

बेकसूर चार मासूम बच्चों को माता-पिता से होना पड़ा जुदा
कलेक्ट्रेट में परिवार सहित दिया धरना, बांधी भैंस तो माता-पिता गए जेल
बच्चों को भेजा बाल संप्रेषण गृह

भूमि विवाद में त्रस्त होकर आया था परिवार गुहार लगाने
करौली। उन चार मासूम बच्चों का कोई कसूर नहीं है, फिर भी उनको गुरुवार शाम को माता-पिता से जुदा होना पड़ गया। यह नौबत इन बच्चों के माता-पिता व दादी को शांति भंग के आरोप में जेल भेज दिए जाने के बाद आई। तुलसीपुरा गांव में भूमि विवाद के मामले में गुरुवार को सुबह एक युवक रामवीर का महिला-बच्चों तथा मवेशी को लेकर कलेक्ट्रेट पर आना उसे भारी पड़ गया। वह अपने विवाद की गुहार प्रशासन से करने को आया था। इस दौरान उसका हठ उसे मुसीबत बन गया।
पुलिस ने उसकी मवेशी को तो गौशाला भेजा तथा युवक, उसकी पत्नी व मां को शांति भंग के आरोप में जेल जाना पड़ा है। गिरफ्तारी के बाद युवक ने तथा उसके साथ उसकी मां व पत्नी ने जमानत से इंकार कर दिया। इस पर तीनों को शाम को जेल भेज दिया गया। इस परिस्थिति में इनके चार बच्चों को बाल कल्याण समिति में रखा गया है।
तुलसीपुरा गांव से रामवीर गुर्जर अपने परिवार तथा मवेशी को लेकर सुबह ही कलेक्ट्रेट में आकर बैठ गया। उसने भैंसों को भी परिसर में अंदर बांध दिया। जब अधिकारी वहां पहुंचे तो भैंसों को बंधा हुआ और परिवार को सामना की पोटली सहित बैठा देखकर चौंक गए। अतिरिक्त जिला कलक्टर सुदर्शन सिंह तोमर तथा उपखण्ड अधिकारी देवेन्द्र सिंह परमार ने रामवीर से मामले की जानकारी ली।
रामवीर ने बताया कि वह गांव के दबंगों से त्रस्त है। वह उसकी मवेशी को नहीं चरने देते। जमीन पर कब्जा कर लिया है। घर से निकलने पर धमकाते हैं और परेशान करते रहते हैं। अधिकारियों ने कानूनी मदद लेने की नसीहत दी।
उन्होंने कलेक्ट्रेट में मवेशी को लेकर आने पर नाराजगी जताते हुए रामवीर को समझाइश के प्रयास किए। इस बीच उन्होंने पुलिस को भी बुला लिया। थानाधिकारी दिनेश मीणा ने भी रामवीर व महिलाओं को समझाया। समझाइश के बेअसर रहने पर पुलिस ने भैंसों को तो गौशाला पहुंचाया और परिवार को कोतवाली में लाकर हिरासत में बैठा लिया। इनमें रामवीर के अलावा उसकी पत्नी व मां और उनके चार बच्चे शामिल थे। दिनभर कोतवाली पर रहने के बाद इनको शांति भंग में गिरफ्तारी दर्शाते हुए पुलिस ने शाम को न्यायालय के समक्ष पेश किया। वहां से रामवीर, उसकी पत्नी तथा मां ने जमानत कराने से मना कर दिया। इस पर तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। चूंकि बच्चे जेल नहीं जा सकते इसलिए रोते बिलखते बच्चों को बाल कल्याण समिति में रखा गया है। बताया गया है कि विवाद के चलते रामवीर पहले से ही शांति व्यवस्था के लिए पाबंद किया हुआ है। जेल में गई बूढ़ी मां कैंसर की मरीज बताई। गुरुवार को उसको कीमो की तारीख भी निर्धारित थी।
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