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करौली

गरीबों को वितरण के लिए आए सरकारी गेंहूं के आटे में कीड़े

Insects in government wheat flour for distribution to the poor. Two years old wheat flour 200 bags and 240 kits are kept in the Municipal Council.नगरपरिषद में रखे हैं दो वर्ष पुराने गेंहूं के आटे के 200 कट्टे व 240 किट

करौलीAug 06, 2020 / 11:41 am

Anil dattatrey

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हिण्डौनसिटी. कोरोना महामारी के संकट के बीच हुए लॉकडाउन में जरूरतमंदों को वितरण के लिए सरकार द्वारा मुहैया कराया गया गेहूं का आटा अब पूरी तरह से खराब हो चुका है। रोडवेज बस स्टेण्ड के सामने स्थित आश्रय स्थल में नगरपरिषद द्वारा रखवाए गए करीब 440 आटे के कट्टों में कीड़े पड़ गए हंै।
जबकि जरूरतमंदों को अभी भी इन आटे के कट्टों का वितरण जारी है। विशेष बात यह है कि आश्रय स्थल में रखे 10 किलो वजन के इन आटे के कट्टों पर पैकिंग की तारीख जून 2018 अंकित है।यानि लॉकडाउन में जरूरतमंदों को जो आटा वितरित किया गया, उसके एक्सपाइरी डेट (अवधि पार) का होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
8706 सरकारी राशन किट आई, 8466 बंटवाई-

सरकार ने लॉकडाउन अवधि में जिला प्रशासन के माध्यम से हिण्डौन नगरपरिषद को तीन चरणों में 8706 राशन किट उपलब्ध कराई गई। इनमें 10 किलो आटा, एक नमक, चाय चीनी, चावल, आटा, दाल, मसाले और तेल शामिल था। नगरपरिषद ने भी राहत सामग्री की जांच कराए बिना ही शहरी क्षेत्र में 8466 राशन किटों का जरूरतमंदों के लिए वितरण करवा दिया। अब 240 राशन किट अब भी नगरपरिषद के पास रखी हुई है।
इसके बावजूद आपदा प्रबंधन के तहत 10 किलो की पैकिंग में आटे के 200 कट्टे भी जिला प्रशासन ने उपलब्ध कराए। जो यथा स्थिति में आश्रय स्थल में रखे हुए है। बची हुई 240 राशन किट व आटे के 200 कट्टे अब खराब हो चुके हैं। दो वर्ष पुरानी पैकिंग के गेहूं के आटे में तो घुन (कीडे) लग चुका है। इनके उपभोग करने की तारीख निकल चुकी है। फिर भी प्रशासन के अधिकारियों की सहमति से जरूरतमंदों को अब भी ये आटे के कट्टे वितरण किए जा रहे हैं।
इस प्रकार मिली राहत सामग्री-

सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन अवधि के पहले चरण मेें 2720, दूसरे चरण में 2720 व तीसरे चरण में 3266 राशन सामग्री किट जिला परिषद के जरिए नगरपरिषद को मिली थी। इनमें से अब 240 किट शेष बच गई हैं।जबकि आपदा प्रबंधन के तहत मिले आटे के कट्टों में भी कीड़े पड़ गए हैं।
पैकिंग वाले आटे की उपभोग अवधि 15 दिन-

आटा मिल संचालक महेशचंद ने बताया कि आटे के कट्टे पर पैकिंग की तिथि अंकित की जाती है। अमूमन तौर पर गर्मी के दिनों में पैक्ड आटे का उपयोग 15 दिन तक किया जा सकता है। लेकिन बारिश के दिनों में कट्टे में पैक आटा एक सप्ताह में ही खराब हो जाता है। एक्सपाइरी डेट के आटे का उपयोग कैटल फीड़ के के रूप में किया जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति इसे खाता है तो उसके बीमार होने की संभावना रहती है।
इनका कहना है-

वापसी के लिए लिखे हैं पत्र-

वितरण के बाद 240 राशन किट व 200 आटे के कट्टे शेष बचे हुए हैं। जो फिलहाल स्टॉक में है। आटे में कीड़े पडऩे की जानकारी तो मिली है, लेकिन एक्सपाइरी डेट के आटे के वितरण की जानकारी नहीं है। वैसे शेष बचे आटे और राशन किटों को वापस भिजवाने के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा है।
-प्रेमराज मीना, आयुक्त, नगरपरिषद, हिण्डौनसिटी।

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