प्रश्न- कुछ दशकों में योग के प्रति लोगों में खासा रुझान बढ़ा है। क्या कारण है। उत्तर- प्राचीन काल में योग-प्राणायाम ऋषि-मुनियों तक सीमित था। योग गुरु बाबा रामदेव ने आमजन के लिए सहज और सुलभ किया। योग प्राणायाम शरीर की आंतरिक क्रियाएं साम्य रखता है। निरोग और स्फूर्तिवान रहने के लिए व्यक्ति किसी न किसी रूप में योगाभ्यास कर रहा है।
प्रश्न- हिण्डौन में योग की सार्वजनिक तौर पर शुरुआत कैसे हुई।
उत्तर- योग गुरु बाबा रामदेव वर्ष 1995 में हिण्डौन आए थे। उस दौरान आर्य समाज भवन में लोगों को योगा प्राणयाम के बारे बताया। बाद में वर्ष 2002 में बाबा रामदेव ने हिण्डौन में अपना दूसरा शिविर लगाया। सात दिवसीय शिविर में 4-5 हजार लोगों द्वारा योगाभ्यास करने से क्षेत्र में योग-प्राणायाम की बयार बह निकली। वर्तमान में जिले में 50 से अधिक योग के दक्ष प्रशिक्षक हैं।
उत्तर- योग गुरु बाबा रामदेव वर्ष 1995 में हिण्डौन आए थे। उस दौरान आर्य समाज भवन में लोगों को योगा प्राणयाम के बारे बताया। बाद में वर्ष 2002 में बाबा रामदेव ने हिण्डौन में अपना दूसरा शिविर लगाया। सात दिवसीय शिविर में 4-5 हजार लोगों द्वारा योगाभ्यास करने से क्षेत्र में योग-प्राणायाम की बयार बह निकली। वर्तमान में जिले में 50 से अधिक योग के दक्ष प्रशिक्षक हैं।
प्रश्न- जिले गांव से लेकर कस्बों तक लोग सेहत के लिए सजग हुए हंै। दक्षता से योगाभ्यास कैसे सुनिश्चित हो। उत्तर– करौली जिले में पतंजलि योग समिति की 35 नियमित योग कक्षाएं लगती हैं। हिण्डौन उपखण्ड में 15 व करौली में 6 योग कक्षाएं संचालित हैं। हर तहसील मुख्यालय पर योग की कक्षाएं लगती है। इच्छुक व्यक्ति इनमें शामिल हो नि:शुल्क योगाभ्यास कर सकता है। जिले भर में औसतन 1500-2000 लोग कक्षाओं में योग करते हैं।
प्रश्न- जोगिंग, कसरत यानी मेहनतकश व्यायाम (वर्कआउट) और प्राणायाम में क्या फर्क है।
उत्तर- घूमना सेहत के लिए लाभदायक है। लेकिन योग प्राणायाम इससे 50 गुणा अधिक फायदेमंद है। घूमना व कसरत से शहरी बाहरी रूप से मजबूत होता है। जबकि योग से आंतरिक तौर पर सबल-प्रबल बनता है।
प्रश्न- प्राणायाम कितने प्रकार का होते हैं। सामान्य तौर पर स्वस्थ रहने के लिए कौनसे प्राणायाम मुख्य है।
उत्तर– आष्टांगहृदय के अनुसार प्राणायाण आठ प्रकार के होत हैं। सामान्य तौर पर व्यक्ति को योग से निरोग बनने के लिए कम से कम तीन प्राणायामों को नियमित करना चाहिए। इनमें कपालभाति, भस्त्रिका व अनुलोम विलोम प्राणायाम प्रमुख है। इससे व्यक्ति रक्तचाप, हृदयाघात, वृक्करोग सहित अन्य बीमारियों से बचता है।
उत्तर- घूमना सेहत के लिए लाभदायक है। लेकिन योग प्राणायाम इससे 50 गुणा अधिक फायदेमंद है। घूमना व कसरत से शहरी बाहरी रूप से मजबूत होता है। जबकि योग से आंतरिक तौर पर सबल-प्रबल बनता है।
प्रश्न- प्राणायाम कितने प्रकार का होते हैं। सामान्य तौर पर स्वस्थ रहने के लिए कौनसे प्राणायाम मुख्य है।
उत्तर– आष्टांगहृदय के अनुसार प्राणायाण आठ प्रकार के होत हैं। सामान्य तौर पर व्यक्ति को योग से निरोग बनने के लिए कम से कम तीन प्राणायामों को नियमित करना चाहिए। इनमें कपालभाति, भस्त्रिका व अनुलोम विलोम प्राणायाम प्रमुख है। इससे व्यक्ति रक्तचाप, हृदयाघात, वृक्करोग सहित अन्य बीमारियों से बचता है।
प्रश्न-आम तौर पर योग किस समय करना चाहिए।
उत्तर- योग प्राणायाम करने का सबसे सही समय सूर्योदय से पूर्व का होता है। सुबह 5 बजे से 7 बजे तक योग कर सकते है। वहीं शाम को भोजन करने के 5 घंटे बाद भी योग किया जा सकता है। खुले स्थान पर योग करना ज्यादा ठीक रहता है।
उत्तर- योग प्राणायाम करने का सबसे सही समय सूर्योदय से पूर्व का होता है। सुबह 5 बजे से 7 बजे तक योग कर सकते है। वहीं शाम को भोजन करने के 5 घंटे बाद भी योग किया जा सकता है। खुले स्थान पर योग करना ज्यादा ठीक रहता है।
प्रश्न- आप 80 वर्ष की आयु में स्पूर्तिवान हैं। सेहतमंद रहने का क्या मंत्र है।
उत्तर- वर्ष 2003 में राजकीय सेवा से सेवानिवृ़त के बाद से योग की राह अपनाई। शहर में लगे शिविर में बाबा रामदेव से योग सीखा। 20 वर्ष से नियमित योगाभ्यास जारी है। पतंजलि योग समिति से अब दूसरे लोगों को भी योग सिखाने का दायित्व है। 80 वर्ष की आयु में कोई बीमारी नहीं है।
उत्तर- वर्ष 2003 में राजकीय सेवा से सेवानिवृ़त के बाद से योग की राह अपनाई। शहर में लगे शिविर में बाबा रामदेव से योग सीखा। 20 वर्ष से नियमित योगाभ्यास जारी है। पतंजलि योग समिति से अब दूसरे लोगों को भी योग सिखाने का दायित्व है। 80 वर्ष की आयु में कोई बीमारी नहीं है।
प्रश्न- युवाओं को योग के बारे में क्या संदेश देना चाहते हैं।
उत्तर- युवा जिम के शारीरिक व्यायाम के साथ योग प्राणायाम जरुर करें। इससे शरीर बाहरी व आंतरित तौर पर सबल बनेगा। तभी स्वस्थ युवा पीढ़ी से निरोगी भारत का निर्माण हो सकेगा।
उत्तर- युवा जिम के शारीरिक व्यायाम के साथ योग प्राणायाम जरुर करें। इससे शरीर बाहरी व आंतरित तौर पर सबल बनेगा। तभी स्वस्थ युवा पीढ़ी से निरोगी भारत का निर्माण हो सकेगा।