केन्द्र सरकार की शहरी विकास कर अमृत योजना के प्रथम चरण के बाद द्वितीय चरण के विकास कार्यों कवायद शुरू हो गई है। जिसमें शहरीकरण के विकास कार्यों और सौंर्दयकरण के साथ पुरा धरोहर के संरक्षण व पर्यटन विकास के काम भी किए जाएंगे।गत दिवस राजस्थान अर्बन ड्रिंकिंग वाटर सीवरेज एंड इंफ्रास्ट्रेक्चर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (रूडिस्को) के अधिशासी अभियंता रविन्द्र कुमार विश्नोई व डीपीआर तैयार कर रही जयपुर की कन्सल्टेंस एजेंसी ग्रीनसिटी सर्वेयर्स प्रा. लि के प्रतिनिधि ने जलसेन तालाब पर पहुंच मौका देखा। साथ ही नगर परिषद सभापति ब्रजेश कुमार जाटव व सहायक नगर नियोजक विनोद कुमार शर्मा से जलसेन तालाब के सारसंभाल के कार्यों को लेकर चर्चा की। साथ ही डीपीआर के अनुसार जलसेन के जीर्णोद्धार व नौकायन से पर्यटन विकास कार्यों को जल्द शुरू आत के लिए समय सीमा भी तय की गई। हालाकि रुडिस्को व डीएलबी के माध्यम से डीपीआर को केन्द्र सरकार को भेजा गया है। जिस पर जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
38 करोड़ की डीपीआर तैयार-
सहायक नगर नियोजक विनोद शर्मा ने बताया कि जलसेन तालाब के विकास कार्यों के लिए ३८ करोड़ रुपए की लागत से डीपीआर तैयार की गई है। जयपुर की कंसल्टेंस एजेंसी ग्रीनसिटी सर्वेयर्स प्रा. लि द्वार वृहद प्रोजेक्ट रिपोर्ट में मरम्मत कार्यों, उद्यान लगाने सहित जलसेन में नौकायन के लिए पानी की उपलब्धता को भी शमिल किया है। शर्मा ने बताया कि नगर परिषद के गत बोर्ड में भी पूर्व सभापति अरविंद जैन के कार्यकाल में दो वर्ष पहले जलसेन के जीर्णोद्धार व शहर में पर्यटन विकास के लिए डीपीआर तैयार कराई गई थी। उसका रिव्यू कर अब नए सिरे से डीपीआर तैयार की गई है।
सहायक नगर नियोजक विनोद शर्मा ने बताया कि जलसेन तालाब के विकास कार्यों के लिए ३८ करोड़ रुपए की लागत से डीपीआर तैयार की गई है। जयपुर की कंसल्टेंस एजेंसी ग्रीनसिटी सर्वेयर्स प्रा. लि द्वार वृहद प्रोजेक्ट रिपोर्ट में मरम्मत कार्यों, उद्यान लगाने सहित जलसेन में नौकायन के लिए पानी की उपलब्धता को भी शमिल किया है। शर्मा ने बताया कि नगर परिषद के गत बोर्ड में भी पूर्व सभापति अरविंद जैन के कार्यकाल में दो वर्ष पहले जलसेन के जीर्णोद्धार व शहर में पर्यटन विकास के लिए डीपीआर तैयार कराई गई थी। उसका रिव्यू कर अब नए सिरे से डीपीआर तैयार की गई है।
घाटों का नवीनीकरण व देवालयों का होगा जीर्णोद्धार-
जलसेन विकास कार्यों में घाटों का मरम्मत कर नवीनीकरण किया जाएगा। साथ ही घाटों पर बने प्राचीन मंदिर, कोटरियां और छतरियों को भी जीर्णोद्धार कर नए स्वरूप में संवारा जाएगा। जलसेन पर नक्कश की देवी मंदिर से लेकर को करौली रोड़ पर कोतवाली थाने तक एक दर्जन से अधिक घाट हैं। साथ ही आधा दर्जन से अधिक मंदिर व छतरियां बनी हैं।
जलसेन विकास कार्यों में घाटों का मरम्मत कर नवीनीकरण किया जाएगा। साथ ही घाटों पर बने प्राचीन मंदिर, कोटरियां और छतरियों को भी जीर्णोद्धार कर नए स्वरूप में संवारा जाएगा। जलसेन पर नक्कश की देवी मंदिर से लेकर को करौली रोड़ पर कोतवाली थाने तक एक दर्जन से अधिक घाट हैं। साथ ही आधा दर्जन से अधिक मंदिर व छतरियां बनी हैं।
ये होंगे विकास कार्य-
अमृत योजना के तहत जलसेन तालाब का कायाकल्प किया जाएगा। जलभराव क्षेत्र को नौकायन के लिए वाटर पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। वहींं तालाब की पाल पार सफाई कर मरम्मत कर पौधा रोपन कर उद्यान विकसित किया जाएगा। साथ ही पाल पर ही उद्यान के बीच से मॉनिंग वॉक के लिए पाथ-वे बनाया जाएगा। घाटों की मरम्मत के साथ तलाब पेटे में दशकों से जमा सिल्ट की खुदाई करवा कर सफाई की जाएगी। इसके अलावा को पालों की सफाई कर पिचिंग से मजबूत किया जाएगा। बीच में जल मंदिर का निर्माण भी किया जाएगा। वाटर पार्क में पुरानी आबादी क्षेत्र में छत्तूघाट व करौली रोड पर कोतवाली के सामने से प्रवेश दिया जाएगा।
अमृत योजना के तहत जलसेन तालाब का कायाकल्प किया जाएगा। जलभराव क्षेत्र को नौकायन के लिए वाटर पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। वहींं तालाब की पाल पार सफाई कर मरम्मत कर पौधा रोपन कर उद्यान विकसित किया जाएगा। साथ ही पाल पर ही उद्यान के बीच से मॉनिंग वॉक के लिए पाथ-वे बनाया जाएगा। घाटों की मरम्मत के साथ तलाब पेटे में दशकों से जमा सिल्ट की खुदाई करवा कर सफाई की जाएगी। इसके अलावा को पालों की सफाई कर पिचिंग से मजबूत किया जाएगा। बीच में जल मंदिर का निर्माण भी किया जाएगा। वाटर पार्क में पुरानी आबादी क्षेत्र में छत्तूघाट व करौली रोड पर कोतवाली के सामने से प्रवेश दिया जाएगा।
इनका कहना है- अमृत योजना का दूसरा चरण शुरू हो गया है। इसके लिए जलसेन की सारसंभार और पर्यटन विकास के लिए डीपीआर तैयार की भेजी गई है। रूडिस्को के एक्सईएन ने भी मौका देखा है। केंद्र से अनुमोदन के बाद कार्यों की शुरूआत होगी।
बृजेश कुमार जाटव, सभापति
नगर परिषद हिण्डौनसिटी

