इससे पहले उन्होंने अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया और अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपा।
राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के बैनर तले प्रदेशाध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर, संभाग अध्यक्ष निहालसिंह मावई व जिलाध्यक्ष कर्मप्रकाश मीना के नेतृत्व में कार्मिकों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। तकनीकी कर्मचारियों ने कैलादेवी के कनिष्ठ अभियंता पर आरोप लगाते हुए बताया कि कनिष्ठ अभियंता गौरव पांडे द्वारा गत दिनों 33 केवी लाइन महौली-करसाई का शटडाउन लेकर मरम्मत कार्य के लिए कर्मचारियों को भेजा, लेकिन मरम्मत के बीच ही शटडाउन कैंसिल कर सप्लाई चालू कर दी।
गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ। इस बारे में 8 अगस्त को अवगत कराने के बाद भी जेईएन के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे कार्मिकों में रोष है। इसके अलावा तकनीकी कार्मिकों ने ज्ञापन में बताया कि सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए हुए हैं।
कार्मिकों ने 2017—18 का इन्सेन्टिव भुगतान करने, तकनीकी कर्मचारियों का समय निर्धारित करने, जीएसएस पर ठेका पद्धति समाप्त करने, फिक्सेशन सितम्बर 2018 की समझौतावार्ता के अनुरूप कराने, 33/11 केवी लाइनों के शटडाउन कनिष्ठ अभियंता द्वारा ही लिए जाने, कार्मिकों को केपीआई से मुक्त करने, प्रत्येक 33/11 केवी सब स्टेशन पर शटडाउन बुक, शटडाउन प्लेट तथा लॉग शीट उपलब्ध कराने की मांग की ैं। सभी बिन्दुओं पर कार्मिकों की अधीक्षण अभियंता से वार्ता हुई जिसमें
कैलादेवी के कनिष्ठ अभियंता गौरव पांडेय को निलम्बित कर दिया गया। साथ ही अन्य समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया। इसके बाद कार्मिकों ने घरना खत्म कर दिया।
अधीक्षण अभियंता आरसी शर्मा ने बताया कि निलम्बित किए गए जेईएन गौरव पाण्डे का मुख्यालय भरतपुर किया गया है।