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कैला माता का चैत्र लक्खी मेला कल से, एक पखवाड़े तक चलेगा मेला

locationकरौलीPublished: Mar 31, 2019 07:35:45 pm

Submitted by:

Dinesh sharma

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कैला माता का चैत्र लक्खी मेला कल से, एक पखवाड़े तक चलेगा मेला

करौली. उत्तरभारत प्रसिद्ध कैलादेवी आस्थाधाम में एक अप्रेल से कैलामाता का चैत्र लक्खी मेला शुरू होगा। एक पखवाड़े तक चलने वाले इस मेले में एक अनुमान के मुताबिक विभिन्न राज्यों से 30 से 40 लाख श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए पहुंचेंगे। हालांकि मेले में माता के दर्शनों के लिए आस्थाधाम में लाखों श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। मेले में राजस्थान के विभिन्न जिलों के अलावा उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा प्रांतों से श्रद्धालु आएंगे।
इधर रविवार को भी दिनभर माता के मंदिर में श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। इससे दिनभर कैलामाता के जयकारे गुंजायमान होते रहे। मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए मंदिर ट्रस्ट, ग्राम पंचायत और पुलिस-प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं तो की गई हैं, लेकिन अभी यह व्यवस्थाएं अपर्याप्त हैं। ना अभी सफाई व्यवस्था दुरुस्त हुई और ना ही बिजली-पानी आपूर्ति सुचारू रूप से दी जा रही है।

माता के जयकारों से गूंज रही राह
राज राजेश्वरी कैलामाता के मेले में पहुंचने वाले पदयात्रियों की रविवार को आवक बढ़ गई। रविवार तो दिनभर सड़क पर पदयात्रियों के जत्थे निकलते नजर आए। माता के दरबार में पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी है। सैंकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा कर श्रद्धालु माता के दरबार की ओर बढ रहे हैं।

इसके चलते हिण्डौनसिटी से करौली और करौली से कैलादेवी तक का मार्ग श्रद्धालुओं से अटा हैैं। उत्तरप्रदेश के आगरा, एटा, हाथरस, मथुरा सहित अन्य स्थानों से यात्री अपने परिजनों, मित्रों के साथ जत्थों के रूप में जा रहे हैं। वाहनों पर सजे माता के मंदिर और डीजे पर नाचते-गाते चल रहे पदयात्रियों से पूरा मार्ग धर्ममय बना हुआ है।
सज गए भण्डारे कर रहे आवभगत
हिण्डौन से कैलादेवी तक के करीब 55 किलोमीटर तक के रास्ते में दर्जनों स्थानों पर माता के भक्तों के लिए धार्मिकजनों-सामाजिक संस्थाओं आदि ने भण्डारे लगाए हैं। जहां पदयात्रियों को भोजन-नाश्ता कराया जा रहा है। मां के भक्तों की सेवा में भण्डारा संचालक आग्रह कर उन्हें भोजन करा रहे हैं। वहीं कई स्थानों पर यात्रियों के लिए टेंट लगाकर विश्राम स्थल, चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
भण्डारों में कहीं हलवा-पूडी खिलाई जा रही है तो कहीं बुफे में यात्रियों को पकवान खिलाए जा रहे हैं। वहीं नाश्ते में कचौडी पकौडी के साथ बेडई, जलेबी, पोहा व अन्य खाने की सामग्री दी जा रही हैं।
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