शरद्पूर्णिमा और रविवार को अवकाश होने के करण दिनभर मंदिर परिसर श्रद्धालुओं की भीड़ से अटा रहा। इससे माता के दर्शनों के लिए लम्बी कतार लग गई। लम्बी कतार लगने से श्रद्धालुओं को एक से डेढ़ घण्टे के इंतजार में दर्शन हो सके। वहीं महिला-बच्चे गर्मी से व्याकुल हो उठे। विशेष रूप से बच्चों-बुर्जुगों को परेशानी झेलनी पड़ी।
प्रदेश के विभिन्न शहरों के अलावा अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धालु माता के दर्शनों को पहुंचे। राजस्थान के अलावा उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली आदि प्रदेशों के विभिन्न शहरों से श्रद्धालु कैलादेवी पहुंचे। इससे शनिवार रात से ही आस्थाधाम में वाहनों की आवक शुरू हो गई। तड़के मंगल आरती से पहले ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया। मंगला आरती पर जैसे ही माता के पट खुले मंदिर प्रांगण कैलामाता के जयकारों से गूंज उठा। दिन चढऩे के साथ ही भीड़ बढ़ती गई।
इस दौरान माता के दर्शनों की एक झलक पाने को श्रद्धालु आतुर नजर आए। इधर खचाखच भरी रैलिंगों में श्रद्धालु माता का गुनगान करते रहे। हालांकि भीड़ के चलते उन्हें परेशानी झेलनी पड़ी। लम्बी कतार लगने से श्रद्धालुओं को एक से डेढ़ घण्टे के इंतजार में दर्शन हो सके। वहीं महिला-बच्चे गर्मी से व्याकुल हो उठे। विशेष रूप से बच्चों-बुर्जुगों को परेशानी झेलनी पड़ी।