रंग मल्हार से जुड़े बृजेंद्र धाकड़, कृष्ण बिहारी पाठक, व आशीष गोयल ने बताया कि रंग मल्हार का मुख्य उद्देश्य ललित कलाओं के प्रति जागरुकता लाना है। साथ ही लुप्तप्राय के कगार पर पहुंची ‘बींजणी’ से युवाओं को रुबरू कराना है। धाकड़ ने बताया कि भारतीय संस्कृति में बींजणी पर्यावरण और परम्परा का हिस्सा है। बीजणी कुटीर उद्योग का आधार भी है। जिसे महिलाएं तैयार करती हैं। पहले शादियों में दुल्हन स्वयं के हाथ की बनी बींजणी अपने ससुराल लेकर जाती थी। रंगों के पर्व में चित्रकार बींजनी को रंगों से नया आयाम देंगे।