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करौली जिले की इस पहली परियोजना में सूरज की रोशनी से चलेंगे पम्प और पाइप लाइनों में बहेगा पानी

locationकरौलीPublished: Oct 24, 2020 09:48:07 pm

Submitted by:

Dinesh sharma

आधुनिक तकनीक की जिले में होगी पहली परियोजना 55.52 करोड़ रुपए की है परियोजनादोहरी लघु सिंचाई परियोजना से डांग के गांव होंगे सरसब्ज

करौली जिले की इस पहली परियोजना में सूरज की रोशनी से चलेंगे पम्प और पाइप लाइनों में बहेगा पानी

करौली जिले की इस पहली परियोजना में सूरज की रोशनी से चलेंगे पम्प और पाइप लाइनों में बहेगा पानी

करौली. जिले के करणपुर क्षेत्र के बीहड़ों में बसे गांवों की भूमि को सरसब्ज करने की मंशा से स्वीकृत दोहरी लघु सिंचाई परियोजना अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित होगी। इस परियोजना की तकनीक प्रदेश में तीसरी बार करणपुर इलाके में बनने वाले इस बांध में अपनाई जाएगी। इससे पहले इस तरह की तकनीक धौलपुर लिफ्ट और एक अन्य स्थान पर की अपनाई गई थी।
इस बांध परियोजना की खासियत यह होगी कि इसमें कैनालों (नहरों) का निर्माण नहीं कराकर पाइप लाइन डाली जाएंगी। वहीं बांध का संचालन कृत्रिम बिजली से नहीं, बल्कि प्राकृतिक ऊर्जा यानि सौलर पैनल के जरिए होगा, जिसके जरिए पम्पों का संचालन होगा। इस सौलर पावर स्टेशन पर करीब दो करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। दोहरी लघु सिंचाई परियोजना के जल संसाधन विभाग की ओर से मुम्बई की एक निर्माण कम्पनी को कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं, जिसकी ओर से शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
गौरतलब है कि वर्ष 2012-13 में बजट में करणपुर उपतहसील क्षेत्र में दोहरी-भरपुरा गांव के समीप दोहरी लघु सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई थी। लेकिन करीब आठ वर्ष तक यह परियोजना लंबित रही है। इस परियोजना से करणपुर क्षेत्र के 30 से अधिक गांव लाभान्वित होंगे। इन गांवों की करीब 1440 हैक्टेयर भूमि के लिए सिंचाई को समुचित पानी मिल सकेगा। इस क्षेत्र के आठ गांव चौरधान, अमरापुरा, भेरोपुरा, महल ढांकरी, करणपुर, गढ़ी का गांव, घुसई कमाण्ड क्षेत्र में आ रहे हैं।
24 किलोमीटर से अधिक लम्बी होगी पाइप लाइन
जल संसाधन विभाग सूत्रों के अनुसार दोहरी लघु सिंचाई परियोजना में 24.35 किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन अण्डरग्राउण्ड डाली जाएंगी। डिग्गी निर्माण के लिए विभाग किसानों की भूमि अवाप्त कर उन्हें मुआवजा देगा।
यह होगा निर्माण
यह परियोजना पाइप लाइन प्रेशर इरिगेशन आधारित होगी। इसमें 0.69 किलोमीटर लम्बाई में मिट्टी का बांध बनाया जाएगा। वहीं नहर प्रणाली की लम्बाई 24.35 किलोमीटर होगी।

वन्यजीवों को आरक्षित होगा पानी
वाइल्ड लाइफ की ओर से परियोजना निर्माण को जल संसाधन विभाग के लिए अनापत्ति एनओसी जारी कर दी गई है। हालांकि इसमें यह तय किया गया है कि 25 फीसदी पानी वन्यजीवों के लिए आरक्षित रहेगा। ताकि वन्यजीव प्यास बुझा सकें।
11 गांवों को पेयजल भी मिलेगा
वैसे तो यह सिंचाई परियोजना है, लेकिन इससे इलाके के करीब 11 गांवों को पेयजल की भी सुविधा मिलेगी, जिससे पेयजल संकट से त्रस्त रहने वाले ग्रामीणों को पानी की खातिर परेशानी से छुटकारा मिलेगा। गौरतलब है कि डांग इलाका होने से इस इलाके में पानी की विकट समस्या रहती है। गर्मी के मौसम में तो हालात विकट हो जाते हैं।
जल्द शुरू होगा कार्य
दोहरी लघु सिंचाई परियोजना के कार्यादेश जारी हो गए हैं। यह परियोजना पाइप लाइन प्रेशर इरिगेशन आधारित होगी और सौलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे परियोजना के पम्पों का संचालन होगा। मुम्बई की एक कम्पनी को इसका ठेका दिया गया है, जो जल्द ही कार्य शुरू करेगी।
विजयकुमार शर्मा, अधिशासी अभियंता, जल संसाधन विभाग, करौली
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