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करौली में कान्हा की दुलारी को मिल रही दुत्कार

locationकरौलीPublished: Aug 30, 2019 12:29:09 pm

Submitted by:

Dinesh sharma

करौली. भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय ‘गाय की कृष्ण की ही नगरी में उपेक्षा हो रही हैं।

करौली में कान्हा की दुलारी को मिल रही दुत्कार

करौली में कान्हा की दुलारी को मिल रही दुत्कार

करौली. भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय ‘गाय की कृष्ण की ही नगरी में उपेक्षा हो रही हैं। बृज क्षेत्र से जुड़ी करौली में गायों की बेकद्री का आलम यह है कि शहर के मुख्य बाजरों से लेकर हाइवे तक गोवंश नजर आता है।
सड़कों पर गायों के डेरा डाले रहने से जहां एक ओर वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का अंदेशा बना रहता है, वहीं दूसरी ओर गोवंश भी वाहनों की चपेट में आकर अकाल मौत का शिकार हो जाता है। गत दिनों ही सर्किट हाउस के समीप वाहन की टक्कर में तीन गायों की मौत हो गई।
गायों की उपेक्षा पर धार्मिकजन आहत तो दिखते हैं, लेकिन न धार्मिक संगठन गौ माता के प्रति अपनी भावनाएं जागृत कर रहे हैं और न नगरपरिषद गायों के संरक्षण के प्रति आगे आ रहा है। ऐसे में शहर के मुख्य बाजार और सड़कों पर बड़ी संख्या में गाय आवारा घूमती नजर आती हैं।
इन स्थानों पर रहता जमावड़ा
शहर की दोनों सब्जी मण्डी, बड़ा बाजार सहित हाइवे की गुलाब बाग, सर्किट हाउस के सामने, कलक्ट्रेट चौराहा, स्टेडियम के सामने, ट्रक यूनियन, गद्का की चौकी आदि इलाकों में तो सड़कों पर बड़ी संख्या में गाय घूमती फिरती हैं। सड़कों पर गायों के घूमने-बैठने के कारण वाहन चालक भी परेशान हैं।
पॉलीथिन-सड़ी-गली चीजों से भरती पेट
ऐसा नहीं है कि जिला मुख्यालय पर धार्मिकजन नहीं हों, लेकिन गायों को एक रोटी खिलाने तक ही उनकी धार्मिक भावना सिमटी है। वैसे तो जिला मुख्यालय पर यादव वाटी गोशाला भी संचालित है, लेकिन आवारा घूमती गायों को वहां तक पहुंचाने की कोई पहल नहीं करता। नतीजतन ये गाय इधर-उधर पड़ी पॉलीथिन, सड़ी-गली चीजें खाकर पेट भरती हैं। इससे इनकी जान को भी खतरा रहता है।
त्योहार पर पूजन
भगवान मदनमोहनजी की नगरी करौली में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, गोपाष्टमी, दीपावली सहित अन्य मौकों पर गायों का पूजन भी किया जाता है। उन्हें सजाया-संवारा जाता है। प्रतिदिन अधिकांश घरों में गाय के लिए रोटी भी बनती है, लेकिन इसके बाद उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं होता। जब गाय बाजार में इधर से उधर दुकान-ठेलों पर मुंह मारती हैं तो उन्हें डण्डे के सहारे दुत्कारा भी जाता है।

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