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गीतों से की बारिश की मनुहार

locationकरौलीPublished: Jul 24, 2019 12:03:55 pm

गुढ़ाचन्द्रजी. तिमावा गांव में ग्रामीणों के सहयोग से मंगलवार को आयोजित कन्हैया दंगल में आधा दर्जन लोक मंडली के कलाकारों ने धार्मिक-पौराणिक रचनाओं की प्रस्तुति से समां बांध दिया।

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गुढ़ाचन्द्रजी के तिमावा गांव में प्रस्तुति देते गायक।

गुढ़ाचन्द्रजी. तिमावा गांव में ग्रामीणों के सहयोग से मंगलवार को आयोजित कन्हैया दंगल में आधा दर्जन लोक मंडली के कलाकारों ने धार्मिक-पौराणिक रचनाओं की प्रस्तुति से समां बांध दिया।
दंगल के शुभारंभ में डिबस्या गांव की मंडली के मेडिया टुंडाराम व सियाराम के नेतृत्व में क्षेत्र में बारिश के लिए इन्द्र भगवान से पुकार ‘बरस..बरस.. म्हारा इन्द्रराजा, कब से न्हाडू तेरी बाटÓ की प्रस्तुति दी। इसके बाद नलदेव राजा की कथा में ‘कार्तिक पाछै होवेेगो बलम बालक छोटो रे, सारे दिन च्यो डोले बाखड़ में ओटो सोटो रे की प्रस्तुति दी। सिरसाड़ी गांव की मंडली ने मेडिया हरकेश मीणा के नेतृत्व में चंद्रवंश कथा में ‘डगमग डगमग हिले सिंघासन शिव शंकर थर्रायो रे की कथा सुनाई तो श्रोता मुग्ध होकर नाचने लगे। इस दौरान श्रोताओं ने कलाकारों के कपड़ों पर नोटो की माला लगाकर व बतासों की बौछार कर उत्साहवर्धन किया।
बूकणा गांव की मंडली के मेडिया भरोसी व गिर्राज के नेतृत्व में पूरणमल की कथा सुनाई। तिमावा मंडली ने मेडिया मदन मीना, रामरतन मीना ने नरसी भगत कथा की प्रस्तुति देकर विभोर कर दिया। दंगल के समापन पर ग्रामीणों ने मंडलियों के लोक कलाकारों का साफा व माला पहना स्वागत किया। (पत्रिका संवाददाता)

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