रात को ट्रकों में भरकर आए थे, सात दर्जन मजदूर, पुलिस की निगाहों से नहीं बचे
करौलीPublished: Apr 02, 2020 08:28:44 pm
गुढ़ाचन्द्रजी/नादौती. लॉकडाउन के चलते बैंगलोर व मैसूर से गुपचुप रूप से दो ट्रकों में आए मजदूरों को पुलिस ने गश्त के दौरान बुधवार रात भीलापाड़ा पर रोक लिया। ट्रक में ५ चालक व खल्लासी के सहित कुल ८१ लोग सवार थे।
नादौती. कर्नाटक से गुरुवार को पहुंचे मजदूर।
गुढ़ाचन्द्रजी/नादौती. लॉकडाउन के चलते बैंगलोर व मैसूर से गुपचुप रूप से दो ट्रकों में आए मजदूरों को पुलिस ने गश्त के दौरान बुधवार रात भीलापाड़ा पर रोक लिया। ट्रक में ५ चालक व खल्लासी के सहित कुल ८१ लोग सवार थे। ये सभी लोग करौली, भरतपुर सहित उत्तरप्रदेश के लोग थे। पुलिस ने इन सभी को कोरोना वायरस का संदिग्ध मानते हुए रोक लिया। इसके बाद पुलिस ने कंट्रोलरूम को सूचना दी। मौके पर चिकित्सा टीम ने पहुंच जांच की। हालांकि इनमें कोराना के कोई लक्षण नहीं मिले, लेकिन ८१ लोगों को रावताड़ा गांव स्थित स्वामी विवेकानंद विद्यालय में बनाए गए कोरेंटाइन में १४ दिन के लिए रखा गया है। पुलिस ने बताया कि ७६ मजदूरों के सहित कुल ८१ लोग आए थे। उप जिला कलक्टर रामनिवास मीणा, तहसीलदार पंखी लाल मीणा, विकास अधिकारी शैलेंद्र सिंह, थाना अधिकारी राम खिलाड़ी मीणा मौके पर पहुंचे। ब्लाक सीएमएचओ जगराम मीणा की मौजूदगी में इनकी जांच की गई।
देखरेख में लगाई टीम
कोरेंटाइन में रखे मजदूरों की देखरेख में टीम लगाई गई है। जिसमें कंपाउण्डर, अध्यापक, गिरदावर, पटवारी सहित अन्य कार्मिक शामिल है। मजदूरों में सबसे अधिक नादौती व टोडाभीम तहसील के गांवों के है। इनमें तीन उत्तरप्रदेश एक बिहार व २९ भरतपुर जिले के है।
कोरेंटाइन वार्ड में नहीं रह रहे दूर
चिकित्सा विभाग ने मजदूरों को भलें ही कोरेंटाइन वार्ड में भेज दिया हो, लेकिन वहां मजदूर सोशल डिस्टेसिंग में नहीं रह रहे। एक बेड पर दो-दो मजदूर सो रहे हैं। जबकि प्रशासन के द्वारा सभी के लिए अलग-अलग बैड की व्यवस्था कर रखी है। कुछ मजदूर तो वार्डो को छोड़कर विद्यालय परिसर में घूम रहे हैं। ऐसे में कोराना का संक्रमण फैलने का अंदेशा है।