बजट बिना अटका गांवों का विकास
गुढ़ाचन्द्रजी. राज्य सरकार द्वारा पिछले दो साल से ग्राम पंचायतों में एसएफसी (राज्य वित्त आयोग) की किश्त जारी नहीं करने से गांवों की सरकार का खजाना खाली है। बजट के अभाव में गांवों में विकास कार्य ठप है। स्थिति यह है कि आवश्यक मदों में भी बजट उपलब्ध नहीं होने से विभिन्न कामकाज प्रभावित हो रहे है। नए सरपंचों को चुने भी एक साल बीतने को है, लेकिन बजट नहीं मिलने से वे भी विकास कार्य नहीं करवा पा रहे हैं।

गुढ़ाचन्द्रजी. राज्य सरकार द्वारा पिछले दो साल से ग्राम पंचायतों में एसएफसी (राज्य वित्त आयोग) की किश्त जारी नहीं करने से गांवों की सरकार का खजाना खाली है। बजट के अभाव में गांवों में विकास कार्य ठप है। स्थिति यह है कि आवश्यक मदों में भी बजट उपलब्ध नहीं होने से विभिन्न कामकाज प्रभावित हो रहे है। नए सरपंचों को चुने भी एक साल बीतने को है, लेकिन बजट नहीं मिलने से वे भी विकास कार्य नहीं करवा पा रहे हैं।
हालांकि सरकार के निर्देशों पर गा्रम पंचायतों की बैठक में सरपंचों ने विकास कार्यो के लिए वार्षिक एक्शन प्लान भी तैयार कर लिए है। लेकिन पंचायतों का खजाना खाली होने से गांवों के विकास की राह में रोड़े अटके है। पिछले दो साल से राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों में विभिन्न योजनाओं के तहत विकास कार्यो के लिए स्वीकृत राशि तक नहीं भेजी है।
दो किश्तों में आती राशि
ग्राम विकास अधिकारी गुढ़ाचन्द्रजी कैलाश चंद्र योगी का कहना है कि केन्द्र सरकार द्वारा एफएफसी (केन्द्र वित्त आयोग) के तहत टाइड व अनटाइड फंड एवं राज्य सरकार द्वारा एसएफसी राज्य वित्त आयोग योजना में जिला परिषद, पंचायत समिति व ग्राम पंचायतों में विकास के लिए दो-दो किश्तों में राशि भेजी जाती है। केन्द्र सरकार तो एफएफसी की किश्तें ग्राम पंचायत को भेज रही है। लेकिन राज्य सरकार द्वारा पिछले दो साल से एसएफसी की राशि नहीं भेजी जर रही है।
यह काम अटके
एसएफसी की किश्त नहीं आने से गांवों मेंं सीसी सड़क, खरंचा, नाली निर्माण आदि विकास कार्य नहीं हो पा रहे है। इसके अलावा सरपंच, वार्ड पंच, सुरक्षा गार्ड आदि का मानदेय भी अटका है।
सरपंचों में रोष
बजट के अभाव में नए सरपंचों के सामने चुनावों में विकास के लिए किए गए वादों को पूरा करवाना भी मुश्किल हो रहा है। वहीं तत्कालीन सरपंचों द्वारा एडवंास में कराए गए विकास कार्यो की देनदारी भी नए सरपंचों पर आ पड़ी है।
वादों को पूरा करना हो रहा मुश्किल
सरपंच संघ के तहसील अध्यक्ष हेमराज मीना, दलपुरा सरपंच संगीता मीना, गुढ़ाचन्द्रजी सरपंच साधनासिंह, तिमावा सरपंच हेमराज मीना आदि का कहना है कि दो साल से एसएफसी की किश्त नहीं आने से गांवों में विकास कार्य ठप है। चुनावों में जनता से किए गए वादे बजट के अभाव में पूरे नहीं कर पा रहे हैं। ग्राम पंचायत आर्थिक संकट से जूझ रही है।
यह मामला है राज्य स्तर का
नादौती पंचायत समिति के विकास अधिकारी ऋषीराज मीना का कहना है कि पांचवा वित्त आयोग का गठन नहीं होने से यह राशि ग्राम पंचायतों में नहीं आ पाई थी। अब राज्य सरकार ने शीघ्र ही एसएफसी राशि डालने की बात कही है। यह मामला सरकार के स्तर का है।
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