मेंहदीपुर की घाटी में हलक में आ जाती सांस, बालाजी को याद कर गुजरते हैं भक्त
करौलीPublished: Jan 07, 2021 05:29:57 pm
टोडाभीम. मेहंदीपुर बालाजी को उपखंड मुख्यालय टोडाभीम से जोडऩे वाली घाटी की सुध नहीं लेने से यह हादसे को न्योता दे रही है। पूर्व मंत्री रामस्वरूप मीणा ने भी राज्य सरकार को इस बारे में कई बार अवगत कराया है। इस घाटी से होकर दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं का आवागमन रहता है।
टोडाभीम. पिछले साल की बारिश के दौरान पहाड़ से घाटी में गिरे पत्थर। (फाइल फोटो)
टोडाभीम. मेहंदीपुर बालाजी को उपखंड मुख्यालय टोडाभीम से जोडऩे वाली घाटी की सुध नहीं लेने से यह हादसे को न्योता दे रही है। पूर्व मंत्री रामस्वरूप मीणा ने भी राज्य सरकार को इस बारे में कई बार अवगत कराया है। इस घाटी से होकर दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं का आवागमन रहता है। यहां मौजूद पहाड़ों से घाटी में पत्थर गिरते रहते हैं। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। पूर्व में कई दुर्घटनाएं हो चुकी है।
पर्याप्त चौड़ाई भी नहीं
कुछ वर्ष पूर्व लाखों रुपए की लागत से घाटी का चौड़ाईकरण कराया गया था। लेकिन ठेकेदार ने कार्य में खानापूर्ति करने से कोई विशेष लाभ नहीं मिला। चौड़ाईकरण कार्य ठीक प्रकार से नहीं होने से पत्थर गिरने पर रास्ता अवरुद्ध हो जाता है।
बारिश में अवरुद्ध हो जाता रास्ता
बारिश के दिनों में घाटी के पहाड़ों से बड़े बड़े पत्थर टूटकर गिरते हैं। जिससे रास्ता अवरुद्ध हो जाता है। वाहन नहीं निकल पाते। वाहन चालकों को हादसे का अंदेशा रहता है। निर्माण विभाग को काफी मशक्कत कर इन पत्थरों को हटवाना पड़ता है। क्षेत्र के लोगों ने पहाड़ों से पत्थर गिरने से रोकने के लिए कोई स्थायी इंतजाम कराने व घाटी में सुरक्षा के इंतजाम विकसित करने की मांग की है।