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एक दशक बाद भी मंडी का सपना अधूरा

locationकरौलीPublished: Dec 07, 2021 12:18:06 pm

गुढ़ाचन्द्रजी. प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की कथित उदासीनता के चलते दलपुरा पंचायत के माचड़ी गांव के समीप एक दशक बाद भी कृषि गौण उपज मंडी यार्ड का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। इस कारण नादौती तहसील के सैकड़ों गांवों के किसानों को अपनी उपज को दलालों को बेचना पड़ रहा है। इससे किसानों को अपनी मेहनत का पूरा दाम नहीं मिल रहा। एक दशक बाद भी मंडी यार्ड का सपना अधूरा है।

एक दशक बाद भी मंडी का सपना अधूरा

गुढ़ाचन्द्रजी के माचड़ी गांव के समीप मंडी भूमि पर उगे बबूल।



गुढ़ाचन्द्रजी. प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की कथित उदासीनता के चलते दलपुरा पंचायत के माचड़ी गांव के समीप एक दशक बाद भी कृषि गौण उपज मंडी यार्ड का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। इस कारण नादौती तहसील के सैकड़ों गांवों के किसानों को अपनी उपज को दलालों को बेचना पड़ रहा है। इससे किसानों को अपनी मेहनत का पूरा दाम नहीं मिल रहा। एक दशक बाद भी मंडी यार्ड का सपना अधूरा है। उपखंड के गुढ़ाचन्द्रजी कस्बे में एक दशक वर्ष पूर्व कृषि उपज मंडी यार्ड की स्वीकृति मिली थी। मंडी के लिए राजस्व विभाग ने मांचड़ी गांव में ३५ वीघा ८ बिस्वा जमीन आवंटित की थी। किसानों ने बताया कि क्षेत्र में कृषि उपज मंडी के नहीं होने से ४०-५० किमी दूर टोडाभीम व गंगापुरसिटी की मंडियों में उपज को बेचना पड़ता है। गुढाचन्द्रजी क्षेत्र में सरसों, चना, बाजरा, गेहूं की बम्पर पैदावार होती है। किसानों ने मंडी यार्ड को फिर चालू कराने की मांग की है।
मंडी यार्ड हुआ क्षतिग्रस्त
हिण्डौन कृषि उपज मंडी समिति ने आवंटित भूमि पर सफाई आदि कराकर ५ वर्ष पूर्व तारबंदी भी कराई थी। लेकिन अब देखरेख के अभाव में मंडी यार्ड क्षतिग्रस्त हो गया है। कीकर बबूल उग आए हैं। वहीं तारबंदी व सीमेंट के पिलर भी क्षतिग्रस्त हो गए है।
जटिल नियमों से परेशानी
सरकार के जटिल नियमों के कारण दुकानों का नक्शा पास नहीं हो रहा है। इससे एक दशक से मंडी निर्माण कार्य अटका पड़ा है। नियमानुसार मंडी निर्माण के लिए १० लाइसेंसधारी दुकानदारों के आवेदन तथा उनके तीन साल पुराने लाइसेंस चाहिए। तभी मंडी में दुकान के लिए आवेदन कर सकता है। लेकिन उपखंड क्षेत्र में मात्र २ ही दुकानदार लाइसेंसधारी है। जिन्होंने दुकानों के लिए आवेदन कर रखा है। लाइसेंसधारी दुकानदारों के नहीं मिलने से दुकानों का नक्शा पास नहीं हो पा रहा है।
नहीं मिलता है पूरा दाम
रूगनाथपुरा निवासी किसान गोपाल गुर्जर का कहना है कि मंडी के अभाव में उन्हें जिंस बेचने पचास किमी दूर गंगापुरसिटी जाना पड़ता है। वहीं आने-जाने में काफी खर्चा हो जाता है। कई किसान पचास किमी दूर जाने से बचने के लिए स्थानीय स्तर पर बिचौलियों को जिंस बेच देते हैं। जिससे उनको पूरा दाम नहीं मिल पाता।
नियमों में हो संशोधन
आमलीपुरा निवासी किसान हरीप्रसाद मीना का कहना है कि मंडी नियमों में सरकार को संशोधन करना चाहिए। मंडी शुरू करने में कम से कम लाइसेंसधारी दुकानदार, बाहर के लाइसेंसधारी दुकानदारों को मौका मिलना चाहिए। तीन साल के बजाय नवीन लाइसेंस की छूट दे तो मंडी यार्ड खुल सकती है।
समय होता खराब
तिमावा के किसान रामखिलाड़ी मीना का कहना है कि मंडी के अभाव में किसानों का गंगापुरसिटी मंडी तक माल पहुंचाने में ही काफी भाड़ा खर्च हो जाता है। साथ ही धन के साथ समय की भी बर्बादी होती है।
प्रयास किए जा रहे हैं
कृषि उपज मंडी समिति सचिव राजेश कर्दम का कहना है कि गुढ़ाचन्द्रजी में एक दशक पुरानी कृषि उपज मंड़ी की किसानों की मांग को पूरा करवाने के लिए क्षेत्र के व्यापारियों से चर्चा की जा रही है। मंडी को चालू करने के प्रयास चल रहे हैं।

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