गुढ़ाचंद्रजी वन पौधशाला के अंतर्गत सैकड़ों बीघा भूमि में अरावली पर्वतमाला की पहाडिय़ां हैं। गढ़मोरा से लेकर मेहंदीपुर बालाजी तक पहाडिय़ा फैली हुई है। गर्मी के दिनों में पूर्व में इन पहाडिय़ों में कई बार आग चुकी है। इस बार भी मार्च में ही भीषण गर्मी शुरू हो गई है, ऐसे में पहाड़ी क्षेत्र में आग लगने की आशंका बनी हुई है। एक दशक में अरावली पर्वत मालाओं के पहाड़ी क्षेत्र में कई बार आग लगी है। मीणा पट्टी, चैनपुरा, हरलोदा, ताल चिडा, धौलेटा, गढ़मोरा आदि गांव की पहाडिय़ों में आग लग गई थी।
उपखंड क्षेत्र में एक भी दमकल नहीं है। आग लगने पर हिंडौनसिटी, गंगापुर सिटी, करौली आदि स्थानों से दमकल आती है। इनकी दूरी करीब ८० से ९० किलोमीटर पड़ती है। दमकल पहुंचने तक आग से काफी नुकसान हो चुका होता है। गांवों में गर्मी के दिनों में विद्युत तार टूटने की घटनाएं भी होती है। जिससे खेत खलिहान और झोंपड़े जल जाते हैं। आग पर तुरन्त काबू पाने के लिए दमकल की आवश्यकता है।