वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गुढाचंद्रजी वन पौधशाला के अंतर्गत दो नर्सरी आती है। इसमें एक गुढ़ाचंद्रजी व दूसरी बाला सागर टोडाभीम है। इस बार दोनों नर्सरियों में डेढ़-डेढ़ लाख औषधीय पौधे तैयार किए जा रहे हैं। सरकार ने आमजन की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए गत वर्ष इस योजना की शुरुआत की थी। इससे लोगों को काफी राहत मिली। दूसरी ओर वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक घर-घर औषधि योजना के तहत प्रत्येक परिवार को ८ पौधों की किट नि:शुल्क वितरण की जाएगी। जो लोग अपने घर की बागवानी सहित गमलों में लगा सकेंगे।
फूल व छायादार पौधे भी मिलेंगे
वन विभाग द्वारा मानसून की पहली बरसात के बाद जुलाई माह में औषधी पौधों के अलावा दोनों नर्सरियों में १० -१० हजार फलदार, फूलदार व छायादार पौधों का भी वितरण किया जाएगा। जिसमें गुलाब, गुड़हल, अशोक, नीम, सफेदा आदि प्रमुख है। यह पौधे कैंपा योजना में तैयार किए जा रहे हैं। इनमें छोटे पौधे ५ रुपए व बडे़ पौधे दस रुपए की दर से मिलेंगे। इनको प्रमुख शिक्षण संस्थानों व अन्य सरकारी कार्यालयों में वितरण किया जाएगा।
जागरूक के लिए चलेगा अभियान
विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में ५ जून को औषधीय पौधों के महत्व की घर-घर जानकारी के लिए विभाग द्वारा जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जिसके अंतर्गत विभाग के कर्मचारियों द्वारा लोगों को औषधीय पौधों का महत्व बताया जाएगा।
प्रदेश में ५ साल में ३० करोड़ पौधों का होगा वितरण
प्रदेश में १ करोड़ २६ लाख ५० हजार परिवारों को ५ वर्ष में कुल ३ बार ३० करोड़ ३६ लाख औषधीय पौधों का वितरण किया जाएगा। ५ साल में हर परिवार को तीन बार में ४ तरह के तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा व कालमेघ के पौधों का वितरण होगा। जो विभाग के द्वारा नि:शुल्क बांटे जाएंगे।
फैक्ट फाइल
कुल औषधीय पौधे ३ लाख
वितरण ६० हजार लोगों को प्रत्येक परिवार को ४ प्रजाति के ८ पौधे वितरित
जुलाई से करेंगे वितरण क्षेत्रीय वन अधिकारी मनोज शर्मा का कहना है कि औषधि योजना के तहत ३ लाख पौधे तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए वन पौधशाला में साफ-सफाई सहित पौधों को लगाने का कार्य किया जा रहा है। जुलाई माह में औषधीय पौधों का नि:शुल्क वितरण किया जाएगा।
केप्शन