बनास नदी क्षेत्र के पुराघांट बड़पीपड़,श्यामोली घांट, बिलोली व आसपास के इलाकों से रोजाना खनन किया जा रहा है। ट्रॉली चालक श्यामोली से बजरी भरकर डांगड़ा, एकट, माधोराजपुरा मार्ग से निकल रहे हैं। दूसरा रास्ता शांकड़ा, एकट की झोंपड़ी के रास्ते से माधोराजपुरा मार्ग पर नहर पर होकर जीरोता मार्ग से जाता है। इसी प्रकार तीसरा रास्ता सांकड़ा से मोरेल नदी में होकर गजराजपाल बड़ौदा गांव के रास्ते से गोरधनपुरा होते हुए बजरी ले जाई जाती है। जीरोता- रानेटा मार्ग से रोजाना रानेटा मशावता होते हुए बजरी आसपास के शहरों में जाती है। जहां महंगे दामों पर बिकती है। इसी प्रकार बड़पीपड़, परीत घाट से बजरी भरकर महारो, करारकी, सिमीर, गोरेहार के रास्ते से कांवटी होते गुजर रहे हैं। वही भागीरथपुरा के रास्ते से अडूदा मार्ग पर होकर भी आए दिन बजरी की ट्रॉलियां निकलती है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं की जाती।
बजरी का अवैध परिवहन रोकने के लिए कई जगह प्रशासन ने चौकी लगाई हुई है। जिन पर पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं, लेकिन बजरी का अवैध परिवहन करने वालों में कोई खौफ नहीं है। इनमें आरएसी की चौकी कुशालसिंह्सिंह चौरारा, गजराजपाल बड़ौदा , बनास नदी घाटा पुल पर, पवारपुरा, डांडा और सपोटरा थाने की हाड़ौती चौकी, नारौली डांग चौकी लगा रखी है। लेकिन फिर भी बजरी की ट्रॉलियां बेधड़क निकलती है। ग्रामीणों का कहना है कि कार्रवाई के नाम पर केवल औपचारिकता होती है।
एसडीओ अनुज भारद्वाज ने बताया कि हमने अवैध बजरी खनन व परिवहन रोकने के लिए पुलिस को विशेष आदेश दिए हैं। जगह-जगह नाके भी लगा रखे हैं। कार्रवाई की है