आवागमन में परेशानी राशन उपभोक्ता जब अपने इलाके से दूर राशन सामग्री लेने जाते हैं तो कई बार डीलर की दुकान बंद मिलती है तो कभी अन्य कारण से राशन नहीं मिलता। ऐसे में उनको आवागमन में परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसी हालत में महिलाएं अधिक परेशानी होती है। भाजपा मंडल महामंत्री ममता गोयल, अग्रवाल समाज अध्यक्ष रामगोपाल सेठ, वार्ड पंच हुकम गुर्जर मांचडी, मुथरेश गुर्जर, चिरंजी बैरवा बाबूजी आदि ने बताया कि ढहरिया गांव में ग्राम पंचायत मुख्यालय होने के बाद भी लोगों राशन सामग्री लेने दो किमी दूर उजीरना गांव जाना पड़ता है। इसी प्रकार माचड़ी गांव के लोगों को भी ५ किलोमीटर दूर दलपुरा गांव में राशन लेने जाना पड़ता है। ये गांव तो सिर्फ बानगी है। ऐसे कई गांव है जहां के लोगों को राशन लेने दूर जाना पड़ता है।
दिनभर हो जाता खराब ढहरिया निवासी उपभोक्ता विनोद कुमार, कांजी बैरवा मांचड़ी निवासी अमर सिंह, मनोज कुमार आदि ने बताया कि राशन सामग्री के लिए पूरे दिन का समय निकालना पड़ता है। क्योंकि आने जाने में समय लगता है। इसके बाद डीलर की दुकान पर भी समय लगता है। ऐसे में पूरा दिन खराब हो जाता है। मजदूरी या अन्य कार्यो को छोड़कर राशन सामग्री लेने दूर जाना पड़ता है।
नियमों से भी अड़चन राशन की दुकान खोलने के लिए जो नियम है वह भी ग्रामीणों की समस्याओं में पेच बना हुआ है। जिला रसद अधिकारी राम सिंह मीणा ने बताया कि राशन की नई दुकान खोलने के लिए उस इलाके में कम से कम ५०० राशन कार्ड होना जरूरी है। ऐसी जगहों पर नई दुकान खोली दी जाती है। लेकिन कई इलाके ऐसे हंैं जहां इतने राशन नहीं होने से नई दुकान खोलना मुश्किल होता है।