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राजा मोरध्वज का महल स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना

locationकरौलीPublished: Jan 01, 2023 12:44:46 pm

Submitted by:

Jitendra Sharma

गुढ़ाचंद्रजी. समीपवर्ती गढ़मोरा गांव में करीब ५०० वर्ष प्राचीन राजा मोरध्वज के महल व अन्य ऐतिहासिक भवन स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है। इतिहासकारों के अनुसार यह मंदिर रियासत काल से पहले के हैं, जो हिंदू एवं जैन धर्म पर आधारित है। राजा मोरध्वज के महल, किले, परकोटे आदि राजा के शासनकाल के स्वर्णिम इतिहास को दर्शाते हैं। यहां प्राचीन कुंड भी है। जिसमें मकर संक्रांति सहित अन्य विशेष मौके पर धार्मिक आयोजन होते हैं। श्रद्धालु कुण्डों में स्नान व दान पुण्य करने आते हैं। संक्रांति पर मेला भरता है।

राजा मोरध्वज का महल स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना
गुढ़ाचंद्रजी. गढ़मोरा गांव में जर्जर महल।
राजा मोरध्वज का महल स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना
गुढ़ाचंद्रजी. समीपवर्ती गढ़मोरा गांव में करीब ५०० वर्ष प्राचीन राजा मोरध्वज के महल व अन्य ऐतिहासिक भवन स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है। इतिहासकारों के अनुसार यह मंदिर रियासत काल से पहले के हैं, जो हिंदू एवं जैन धर्म पर आधारित है। राजा मोरध्वज के महल, किले, परकोटे आदि राजा के शासनकाल के स्वर्णिम इतिहास को दर्शाते हैं। यहां प्राचीन कुंड भी है। जिसमें मकर संक्रांति सहित अन्य विशेष मौके पर धार्मिक आयोजन होते हैं। श्रद्धालु कुण्डों में स्नान व दान पुण्य करने आते हैं। संक्रांति पर मेला भरता है। कुश्ती दंगल आादि कार्यक्रम होते हैं।
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