गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के चिलाद गांव निवासी पदयात्रियों का जत्था करौली जिले के आस्थाधाम कैलामाता के दर्शन करने के लिए आ रहा था। शनिवार सुबह करीब 9 बजे मण्डरायल क्षेत्र के रोंधई गांव के समीप चम्बल नदी के छोई घाट से जब यात्री नदी पार कर रहे थे, तभी अचानक वे गहरे पानी में चले गए और हादसा हो गया था। इस दौरान 10 यात्री सुरक्षित बाहर निकल आए, जबकि दो जनों के शव मिले थे। वहीं पांच यात्री पानी में बह गए, जिनकी तलाश के लिए शनिवार शाम तक एनडीआरएफ एवं सिविल डिफेंस और स्थानीय गोताखोर सहित मध्यप्रदेश की ओर से बचाव दल तीन बोट के जरिए नदी में जुटे रहे।
तहसीलदार महेन्द्र कुमार गुप्ता ने बताया कि नदी में बहे पांच लोगों की रविवार सुबह फिर से तलाश शुरू कराई गई। इस दौरान एक महिला अलोपाबाई पत्नी देवकीनंदन, रश्मि पत्नी सुनील, रुकमणी पत्नी दीपक का शव मिला। जिन्हें मध्यप्रदेश प्रशासन के सुपुर्द कर दिया। अभी दो यात्री लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। इस दौरान कार्यवाहक एसडीएम यशवंत, नायब तहसीलदार मौजीराम मीना, पटवारी मानवेंद्र पाराशर, मातादीन सिंह, जितेंद्र शर्मा, ग्राम विकास अधिकारी बिजेंद्र पचौरी, रोधई सरपंच प्रतिनिधि सुमेर मीना, जामफल मीना, मोंगेपुरा सरपंच भूरसिंह मीना, रामसुमेर नेता, सतीश व्यास, मोनू शर्मा सहित सैंकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।
राजस्थान में चम्बल नदी में डूबे 15 से अधिक लोग, 2 की मौत, कई लापता, चीख-पुकार सुनकर दौड़े लोग
दीपक पर टूटा गमों का पहाड़
चंबल नदी में हुए इस हादसे में सुरक्षित बाहर निकाले गए दीपक कुशवाह पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। एक दिन पहले हुए हादसे के बाद दीपक को तो सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन उसके अन्य परिजन पानी में डूब गए। शनिवार को दीपक के पिता देवकीनंदन का शव नदी में मिला, जबकि तलाश के दौरान रविवार को उसकी मां अलोपाबाई और उसकी पत्नी रुकमणी का शव मिला है। अभी भी दीपक के भतीजा और भतीजाबहु लापता हैं।
मंत्री मीना पहुंचे राजघाट
चंबल नदी हादसे को लेकर ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री रमेश चंद मीना रविवार को चंबल नदी राजघाट पहुंचे और लोगों से जानकारी जुटाई। साथ ही पीडि़त परिवारों की मदद के लिए मध्यप्रदेश प्रशासन से वार्ता की। मंत्री ने लापता लोगों की तलाश करने में स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए।