जिला कलक्टर अभिमन्यु कुमार ने बताया कि सैलोकर तालाब के पास सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की जांच के लिए नगरपरिषद आयुक्त को नियुक्त किया है। वे राजस्व कर्मियों के साथ मौके पर जाकर जांच करेंगे। पहले तो नापतौल करके यह जांच की जाएगी कि जमीन नगरपरिषद की है या अन्य विभाग की। वे राजस्व कर्मियों के साथ मौके पर जाकर जांच करेंगे। पहले तो नापतौल करके यह जांच की जाएगी कि जमीन नगरपरिषद की है या अन्य विभाग की। वे राजस्व कर्मियों के साथ मौके पर जाकर जांच करेंगे। पहले तो नापतौल करके यह जांच की जाएगी कि जमीन नगरपरिषद की है या अन्य विभाग की।
कलक्टर ने कहा कि भूमि सरकारी होने पर अवैध बस्ती बसाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने अवैध बस्ती बसने और चोरी की बिजली से बस्ती के रोशन होने सहित कई समाचार प्रकाशित किए हैं। इसके बाद युवाओं ने भी जिला कलक्टर व नगरपरिषद आयुक्त को ज्ञापन सौंप अतिक्रमण हटाने की मांग की। इस पर अब जांच कार्रवाई के निर्देश कलक्टर द्वारा दिए गए हैं।
बेशकीमती है जमीन
सैलोकर तालाब के पास नगरपरिषद व अन्य विभागों की बेशकीमती जमीन है। जिस पर प्रभावशाली लोगों ने कब्जा करा दिया है। कब्जा करने वालों ने अवैध रूप से बस्ती बसा दी है। इस अवैध बस्ती में बिजली-पानी कनेक्शन भी लोगों ने अवैध रूप से ले लिए हैं। इस कारण विद्युत निगम को भी प्रति माह लाखों के राजस्व की चपत लग रही है।
सैलोकर तालाब के पास नगरपरिषद व अन्य विभागों की बेशकीमती जमीन है। जिस पर प्रभावशाली लोगों ने कब्जा करा दिया है। कब्जा करने वालों ने अवैध रूप से बस्ती बसा दी है। इस अवैध बस्ती में बिजली-पानी कनेक्शन भी लोगों ने अवैध रूप से ले लिए हैं। इस कारण विद्युत निगम को भी प्रति माह लाखों के राजस्व की चपत लग रही है।
मौका देखेंगे
सैलोकर तालाब के पास जमीन की नाप कराकर मौका देखेंगे, यदि नगरपरिषद की जमीन पर अतिक्रमण निकलता है तो योजना बनाकर उसे हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
— विजय प्रताप सिंह आयुक्त नगरपरिषद करौली
सैलोकर तालाब के पास जमीन की नाप कराकर मौका देखेंगे, यदि नगरपरिषद की जमीन पर अतिक्रमण निकलता है तो योजना बनाकर उसे हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
— विजय प्रताप सिंह आयुक्त नगरपरिषद करौली